ऐसे shani mangal yuti से होता है भाग्य उदय, मिलती है सरकारी नौकरी
shani mangal yuti remedies ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मंगल ग्रह (mangal) हमारे शरीर (our body) में शक्ति के कारक होते हैं। साथ ही साथ हमारे अन्दर जो स्फूर्ति (Energy) होती है, जो ललक (Ardor) होती है और किसी भी काम को तत्काल करने की क्षमता मंगल (Mars Planet) पर निर्भर करती है। वहीं दूसरी तरफ शनि देव (shani dev) आलस्य (Laziness) के कारक माने जाते हैं। हम किसी कार्य को कितना टालते हैं, हमारे शरीर में उर्जा की कमी (Lack of energy in the body) होना या किसी भी कार्य को करने में देरी करना शनि ग्रह (Saturn planet, shani grah) के प्रभाव के कारण होता है।
शनि (shani) सांप तो मंगल (mangal) शेर यानी की ऐसे जातक में इन दोनों की मिलावट मिली हुई होगी तो ऐसा जातक विनम्र इंसान को माफ़ करने वाला लेकिन क्रूर इंसान को तबाह करने वाला होता है। दूसरे शब्दों में ऐसा जातक बुरे इंसानों को कभी माफ़ नही करता और उनका नुक्सान करता है। अक्क्सर देखा गया है कि शनि और मंगल की युति (shani mangal yuti) में जातक को सरकारी पद (Government post) प्राप्त होता है। साथ ही जातक ज्यादातर पुलिस ( police) में या सशस्त्र सेना में अधिकारी (Officer in the armed forces) भी लगता है। लेकिन इसके कारण जातक का स्वभाव तेज हो जाता है। साथ ही जातक को मांसपेशियों में दर्द की शिकायत (Muscle ache complaint) भी होती है।
अब एक तो फुर्ती तेज़ी का प्रतीक मंगल देव तो दूसरी तरफ आलस्य के प्रतीक शनि देव दोनों एक साथ हो गये है। अत: स्पष्ट है कि इन दोनों के अपने अपने प्रभाव में कुछ बदलाव तो जरुर आएगा।
शनि (shani) जो हर कार्य को काफी सोच समझ कर करने के कारक माने जाते है। ऐसे में मंगल की अथाह शक्ति को शनि की समझ का सहारा मिल जाता है और इंसान में बहादुरी के साथ अच्छी समझ का भी समावेश हो जाता है।
लाल किताब (shani mangal yuti Lal Kitab) के मुताबिक जब मंगल के साथ शनि (shani mangal yuti in 7th house in hindi) हो तो मंगल (mangal) अपनी सारी शक्ति शनि देव (shani dev) को दे देते है और खुद बुध की तरह खाली हो जाते है और शनि देव (shani dev) ज्यादा बली हो जाते हैं। इसका उदाहरण देकर समझाया गया है की ऐसे इन्सान के भाई की हालत जातक से जातक से अच्छी नही होती यानी वो किसी न किसी चीज में जातक से कम होता है जैसे धन दौलत। ऐसे इंसान के घर चोरी होने का भय भी बना रहता है।
इन दोनों की युति shani mangal yuti in 8th house जातक को एक अच्छा डॉक्टर एक सर्जन या टेकनिकल लाइन में अच्छी सफलता दिला सकती है। कालपुरुष की कुंडली (kaal purush ki kundali) में मंगल लग्न (lagna mangal)और अष्ट्म भाव (8th house) के मालिक है तो शनि shani कर्म आय income भाव के मालिक बन जाते हैं। ऐसे में कर्म के साथ शरीर का मेल और अपने शरीर के द्वारा अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने वाला योग इसे कहा जा सकता है।
जन्म कुंडली के पहले भाव (mangal yuti in 1st house in hindi) में इन दोनों के योग के कारण मंगल (mangal) की शुभता में बढोतरी हो जाती है। ऐसे में जातक को इन दोनों का शुभ फल मिलना तब शुरु होता है जब जातक खुद कमाई करके आजिविका (Livelihood) प्राप्त करने लग जाता है। सुसराल वालों (In-laws) पर इस योग का शुभ प्रभाव पड़ता है और जातक की आर्थिक हालत में सुधार (Improvement in economiccondition) होता है।
कुंडली के दूसरे भाव में योग (mangal yuti in 2nd house in hindi) होने पर शादी के बाद जातक का भाग्य उदय (Fortune rise) होता है और ससुराल पक्ष (In-laws) को भी लाभ मिलता है।
जन्म कुंडली के तीसरे भाव, शनि मंगल युति इन थर्ड हाउस (mangal yuti in 3rd house) में इन दोनों के योग होने से जब जातक के लडकी पैदा होती है उसके बाद भाग्य उदय होता है।
जन्म कुंडली के चौथे भाव (shani mangal yuti in 4th house in hindi) में योग होने पर मंगल की अशुभता कुछ कम हो जाती है और यदि जातक खेती की जमीन ख़रीदे तो इन दोनों के कुछ शुभ फल मिलने शुरु हा जाते है।
जन्म कुंडली के पांचवें भाव (shani mangal yuti in 5th house in hindi) में योग होने पर जातक के पुत्र होने के बाद भाग्य में वृद्धि होती है।
जन्म कुंडली के छटे भाव shani mangal yuti in 6th house in hindiमें ये योग हो तब जब जातक के घर के सामने कोई कुतिया बच्चों को जन्म देती है या कोई छिपकली पैर की तरफ से चढ़ जाए तो ये उसकी किस्मत जागने की निशानी होती है।
जन्म कुंडली के सातवें भाव shani mangal yuti in 7th house in hindiमें ये योग हो तो जब जातक किसी स्त्री से शारीरिक सम्बन्ध बना लेता है उसके बाद उसकी किस्मत जागती है |
जन्म कुंडली के अष्ट्म भाव shani mangal yuti in 8th house in hindi में इन दोनों का योग बहुत बुरा फल देता है ऐसी जातक के जीवन में बहुत तकलीफे आती है।
जन्म कुंडली के नवम भाव shani mangal yuti in 9th house in hindiमें इन दोनों का अच्छा फल जातक को मिलता है। जातक का जीवन अच्छा गुजरता है खासतौर पर गृहस्थ जीवन। ऐसे में जातक यदि घर में हवन यज्ञ करता रहे जन्मदिन आदि पर उत्सव मनाता रहे तो उसकी किस्मत को जगाने में सहायता मिलती है।
कुंडली के दशम भाव, दशम भाव का शनि और मंगल shani mangal yuti in 10th house in hindiमें इन दोनों का योग व्यवसाय पर शुभ प्रभाव डालता है। यदि दिन के समय घर में सांप निकल आये तो वो किस्मत जागने की निशानी मानी जाती है। शर्त है की उस सांप को मारा न जाए। जातक की शादी होते ही जातक की किस्मत जाग जाती है।
जन्म कुंडली के ग्यारवें भावshani mangal yuti in 11th house in hindi में इन दोनों का योग जातक को शुभ फल देता है, लेकिन यदि जातक बाप-दादा की कमाई पर ही जीवन यापन करना शुरू कर दें तो जातक की किस्मत कभी नही जागती। जातक को मेहनत और इमानदारी की कमाई बरकत देती है।
जन्म कुंडली के बारवें भाव shani mangal yuti in 12th house in hindiमें इनका योग शुभ फल ही देता है। जातक को घर में किए हुए हवन आदि शुभ फल देते हैं।
इस योग वाले जातक के लिए पैसों का लेनदेन करते समय कागजी कार्यवाही करनी जरूरी होती है। वरना उसे नुक्सान होने के पूरे योग होते हैं।
इन दोनों के योग shani mangal yuti remedies के फलस्वरूप घर में जातक के चोरी होने के योग बन जाते है। यदि इनका अशुभ फल जातक को मिल रहा हो। लेकिन ख़ास बात का जातक को ध्यान रखना होता है की जातक सांप के जैसे आँख वाली औरत से दूर रहे वो उसे नुक्सान देगी। वहीँ
shani mangal yuti ke upay in hindi भूरी आँखों वाली औरत जातक को हमेशा ही फायदा देगी। पराई औरत से किसी भी हालत में शारीरिक सम्बन्ध न बनाए।
शनि-मंगल युति के उपाय
(शनि मंगल युति उपाय Lal Kitab) यदि तक को धन का नुकसान हो रहा हो, धन की बरकत न हो रही हो तो घोड़ी ब्याहने के बाद उसका पहला दूध किसी कांच की बोतल मे डालकर घर में रखें।
(शनि मंगल युति 2020) एक ख़ास बात की जब इन दोनों का योग हो तो कुंडली में एक अन्यग्रह मश्नोई ग्रह जिसे लाल किताब में कहा जाता है वो बन जाता है जिसे उंच के राहू की संज्ञा दी गई है।
शनि मंगल की युति होने से दोनों गृह चूँकि पापक गृह माने जाते हैं और यह अगर ६ठे भाव में रहते हैं तो इसका असर और भी बढ़ जाता है और इनको बल मिल जाता है जिसके कारण जिस भी व्यक्ति की कुंडली में यह ग्रह होंगे वह व्यक्ति परम ग्यानी होगा और कोर्ट कचेहरी के मामलों में से जीत ही मिलेगी और संघर्ष के बाद सफलता मिलती है | लेकिन ऐसे लोगों की पसंद हमेशा ही ऐसे कामों में रहती है जो काफी जोखिम भरा और लड़ाई झगड़ों से भरा लेकिन ऐसे ही कामों से वह काफी धन कमाता है | शत्रुओं पर कहर बन कर टूट पड़ता है और उनका दमन भी करने वाला होता है |
शनि की प्रकृत्ति पापक ग्रह की है जबकि मंगल क्रूर गृह माना जाता है इसलिए ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में शनि और मंगल की युति होती है वह बेहद शक्तिशाली होता है और विल पावर काफी मजबूत होती है इसलिए गजब का आत्मविश्वास देखा जाता है | अगर बीमार पड़ते हैं तो रिकवरी भी बड़े ही जल्दी होती है और अगर किसी प्रकार का कर्ज है तो वह भी बहुत जल्द ही उतर जाता है |
अगर शनि और मंगल की युति 10 वे भाग में है तो ऐसा व्यक्ति अपने रोजगार को लेकर परेशान रहता है और रोजगार की स्थितयां बहुत ही अनिश्चय वाली होती है |
शनि और मंगल की युति जब होती है तो किस भाव में है इसका भी असर पड़ता है और अलग परिणाम देखने को मिलता है लेलिन दोनों पापक गृह है और यह युति कागफी हद तक अच्छी ही कही जाती है |