shanivar vrat ke niyam : शनिवार व्रत के नियम

shanivar fast ke niyam : rules of saturday fast
 
shanivar fast ke niyam : rules of saturday fast
शनि व्रत (शनिवार व्रत) विशेष रूप से शनि देव को प्रसन्न करने, साढ़े साती, ढैया, शनि दोष, कर्म बाधा, आर्थिक परेशानियाँ और रोगों से राहत पाने के लिए किया जाता है। यह व्रत अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है यदि इसे श्रद्धा और नियमपूर्वक किया जाए।

शनि व्रत के प्रमुख नियम (Niyam):


1. व्रत का दिन:


व्रत शनिवार को किया जाता है।

व्रत को लगातार 11, 21 या 51 शनिवार तक किया जा सकता है या जब तक समस्या दूर न हो जाए।

2. प्रातःकाल की तैयारी:


ब्रह्ममुहूर्त में उठें और स्नान करके स्वच्छ नीले या काले वस्त्र धारण करें।

घर को स्वच्छ करें और पूजा स्थान पर शनि देव की मूर्ति/चित्र स्थापित करें।

3. पूजा विधि:


शनि मंत्र का जाप करें:

"ॐ शं शनैश्चराय नमः" (108 बार)

"ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"

शनि चालीसा, दशरथ कृत शनि स्तोत्र, और सुंदरकांड का पाठ करें।

शनि देव को सरसों का तेल, काले तिल, नीले फूल, काले वस्त्र और लोहे की वस्तुएँ अर्पित करें।

4. व्रत आहार नियम:


दिनभर सात्विक आहार लें, एक समय फलाहार या नमक रहित भोजन लें।

तामसिक भोजन (मांस, लहसुन, प्याज, शराब) से परहेज़ करें।

5. दान-दक्षिणा:


शनिवार को गरीबों, अंधों, मजदूरों, कुष्ठ रोगियों को दान करें।

काले तिल, उड़द, सरसों का तेल, काले वस्त्र, जूते-चप्पल, लोहे की वस्तुएँ का दान करें।

पीपल के वृक्ष को जल दें और दीपक जलाकर 7 परिक्रमा करें।

6. अन्य नियम:


झूठ बोलना, क्रोध करना, अपशब्द बोलना, और किसी को दुख देना वर्जित होता है।

पूजा के बाद किसी से विवाद या बुराई न करें।

काले कुत्ते या कौए को भोजन देना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।

7. व्रत का समापन:


अंतिम शनिवार को किसी शनि मंदिर जाकर विशेष पूजा करें।

जरूरतमंदों को भोजन कराएं और यथाशक्ति दान करें।

विशेष सुझाव:


व्रत केवल कर्म से नहीं, भावना और श्रद्धा से प्रभावशाली होता है।

अगर नियमित व्रत संभव न हो तो शनिवार को नियमपूर्वक पूजा और दान करके भी शनि कृपा प्राप्त की जा सकती है।

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