shukrawar ko mata laxmi ki puja kaise kare : शुक्रवार पूजा विधि: कैसे करें माता लक्ष्मी की पूजा

शुक्रवार पूजा की विधि
1. प्रातःकाल स्नान और सफाई
प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर के पूजा स्थल को साफ़ करके गंगाजल या शुद्ध जल से शुद्ध करें।
माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र को एक स्वच्छ चौकी पर स्थापित करें।
2. पूजा सामग्री
सफेद पुष्प (कमल या चमेली विशेष फलदायी)
चावल, हल्दी, कुमकुम, रोली, कपूर, अगरबत्ती
पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, और शक्कर)
मिठाई (खासकर खीर या सफेद मिठाई)
सफेद वस्त्र (यदि संभव हो तो देवी को सफेद वस्त्र अर्पण करें)
3. पूजन विधि
माँ लक्ष्मी को पंचामृत से स्नान कराएं (कल्पना में भी कर सकते हैं) और स्वच्छ जल से शुद्ध करें।
रोली, अक्षत, पुष्प आदि अर्पित करें और दीप जलाएं।
माँ लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करें या लक्ष्मी स्तोत्र/श्रीसूक्त का पाठ करें।
यदि संतोषी माता की पूजा कर रहे हों तो गुड़ और चने का भोग अर्पण करें और खट्टा न खाने का संकल्प लें।
अंत में आरती करें – "ॐ जय लक्ष्मी माता…"।
4. व्रत नियम
शुक्रवार को कई महिलाएं व्रत रखती हैं। इस दिन केवल एक बार फलाहार या अन्न ग्रहण किया जाता है।
संतोषी माता व्रत में खट्टे पदार्थ नहीं खाए जाते।
शाम को कथा पढ़ी जाती है और व्रत की समाप्ति की जाती है।
शुक्रवार पूजा के लाभ
माँ लक्ष्मी की कृपा से घर में स्थायी समृद्धि और शांति का वास होता है।
संतोषी माता की पूजा से इच्छाएं पूर्ण होती हैं और परिवार में संतोष बना रहता है।
वैभव लक्ष्मी व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए सौभाग्यवर्धक माना जाता है।
विशेष ध्यान दें:
पूजा में मन की शुद्धता और श्रद्धा सबसे आवश्यक है।
व्रत और पूजा में अहंकार या दिखावा न हो।
जरूरतमंदों को दान करना इस दिन विशेष पुण्यदायक माना जाता है।
शुक्रवार की पूजा यदि श्रद्धा और नियमपूर्वक की जाए, तो माँ लक्ष्मी की कृपा से जीवन में कभी दरिद्रता नहीं आती और घर में समृद्धि बनी रहती है।