Siddha Shaktipeeth Satya Mandir : सिद्ध शक्तिपीठ सत्य मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया

'श्री कृष्णचेतनावतार देवी मां' की भागवत शक्तिचालित लिखनी के माध्यम से 31 मार्च सन 72 से भगवान ने 'लिपि रूप' में अपना संदेश देना आरंभ किया, जो 'आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां पूनम जी' एवं 'दिव्य शक्ति योगीराज श्री अभिनव महाराज जी' के कर कमलों से निरंतर प्रवाहित हो रहा है, इसके लगभग 400 से भी अधिक वाणी खंड प्रकाशित किये जा चुके हैं, जिनके अध्ययन- मनन- चिंतन से देश-विदेश में रहने वाले हजारों भक्तगण अपने जीवन में समाये असाध्य रोगों, कष्टों, संघर्षों से मुक्ति पा रहे हैं।
कार्यक्रम का आरंभ 30 मार्च को 'अखंड वाणी महायज्ञ' के रूप में प्रातः 9:00 बजे सिद्ध शक्तिपीठ सत्य मंदिर में आरंभ हुआ जिसमें अब तक के प्रकाशित वाणी खंड का निरंतर पाठ भारतवर्ष के अनेक शहरों से आए वाणी साधकों ने किया, जो 31 मार्च रात्रि 9:00 बजे संपन्न हुआ।
आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां पूनम जी ने अपने प्रवचन में बताया भगवान के अनुसार 'जाति है इंसान की, धर्म है मानवता का'। आज मनुष्य जाति और धर्म के नाम पर आपसी वैमनस्य और घृणा को बढ़ाकर ईश्वर के क्रोध को आमंत्रित कर रहा है। मंदिर, मस्जिद में जाने के बाद भी वह मूक, असहाय प्राणियों पर अत्याचार करता, उनको मार के अपनी जिह्वा की संतुष्टि करता है, इससे बड़ा अपराध तो कोई है ही नहीं। यही कारण है आज आती विपत्तियां का कष्टों और संघर्षों का।
1 अप्रैल 2024 को सिद्ध शक्तिपीठ सत्य मंदिर में विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें हजारों श्रद्धालु भक्त जनों ने उपस्थित होकर प्रसाद ग्रहण किया।