शनिवार को सुंदरकांड पाठ क्या होते हैं लाभ ?जानिए सुंदरकांड के चमत्कार

शनिवार को सुंदरकांड पाठ क्या होते हैं लाभ ?जानिए सुंदरकांड के चमत्कार

Dharm Desk -सुंदरकांड का पाठ व्यक्ति को हर तरीके से शांति और लाभ देता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति लगातार परेशान रहेगा और उसके काम बन नहीं रहे कुछ ना कुछ बाधाएं आ जा रही है तो सुंदरकांड का पाठ अगर वह रोज कर सकता है तो बहुत ही अच्छा है लेकिन अगर वह मंगलवार और शनिवार को रामचरितमानस (ramcharitmanas in hindi)के सुंदरकांड का पाठ करता है तो बहुत ही ज्यादा फायदा होने की आशा की जा सकती है ।

सुंदरकांड पाठ का लाभ(Sundarkand path ka labh)

यह एक आस्था का विषय है खास करके शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करने से कई तरीके की समस्याओं का निवारण होना शुरू हो जाता है सबसे बड़ी चीज यह है कि अगर सुंदरकांड का पाठ किया जा रहा है जिस भी घर में सुंदरकांड का पाठ किया जाता है लगातार उसको कई तरीके से परेशानियां अंत हो जाती है ।

सुंदरकांड पाठ से मिलती है मानसिक शांति(sundarkand path se mansik shanti)

सबसे पहले बात करते हैं मानसिक शांति की सुंदरकांड का पाठ अगर शनिवार को किया जाता है तो इससे जो भी लाभ है आपको वह देखना तत्काल प्रभाव से शुरू हो जाता है ।





सुंदरकांड के पाठ से दूर होती है गरीबी और दरिद्रता

जिसमें घर में दरिद्रता रहती है मरीज बना रहता है बीमारी रहती है उस घर में अगर सुंदरकांड का पाठ खास करके शनिवार को भी किया जाए तो शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करने से सुंदरकांड के जो चमत्कार है वह देखने से मिलते हैं जो घर में अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो उसकी बीमारी धीरे-धीरे ठीक होने लगती है ।

सुंदरकांड पाठ से मुकदमेबाजी का होता है अंत

घर में अगर देता है पैसे का अभाव है या अगर पैसा आता है तो टिकता नहीं है दवाई में या मुकदमों में चला जाता है तो इसका सीधा सा मतलब यह है कि उस घर में कहीं ना कहीं नेगेटिव एनर्जी जो है नकारात्मकता का प्रभाव काफी ज्यादा है और सुंदरकांड का पाठ शनिवार को करते रहने से नकारात्मकता दूर हो जाती है एक पॉजिटिव एनर्जी आती उस घर में धीरे-धीरे बीमारियां खत्म होने लगती है और पैसे आगमन का स्रोत बनता है घर में अगर देश है आपस में बनती नहीं है तो उसमें भी सुंदरकांड का पाठ शनिवार को करने से दूर हो जाता है और सुंदरकांड के चमत्कार देखने को मिलते हैं कि आपस में लोगों की बनने लगती है क्योंकि कई बार हम देखते हैं कि आपस में ही घर वालों में ही ईर्ष्या होने लगती है और उसका सबसे बड़ा कारण यह होता है कि घर पर नकारात्मक प्रभाव रहता है .

अगर आपके घर में नकारात्मक एनर्जी है नेगेटिव एनर्जी(negative energy) ने अपना कोई भी काम नहीं देता है अगर नेटिविटी आपके घर में जाता है तो उसके लिए शनिवार को सुंदरकांड का पाठ (shanivar ko sundarkand ka path) करना अति उत्तम माना गया है और सुंदरकांड के चमत्कार को भी देखा जा सकता है इस को शुरू करते ही आपको दिखेगा कि सुंदरकांड का पाठ करने से आपके काम बनने लगेंगे और जो काम अभी तक नहीं बन पा रहे थे जिसमें बाद आया रही थी उस काम को अब दूर होने लगेगा अब काम आपका बनने लगेगा .

पॉजिटिव एनर्जी आपके घर में आने लगेगी तो बहुत सीधी सी बात यह है बहुत ही सरल भाषा में अगर आप समझे तो सुंदरकांड के चमत्कार को अगर आप देखना है आपके घर में नेगेटिव एनर्जी है या आपकी सोच में काफी नेगेटिविटी आ गई है तो आप सुंदरकांड का पाठ शनिवार को खास करके जरूर करें इससे आपको लाभ ही होगा और इसके चमत्कार आपको सुंदरकांड के चमत्कार देखने को मिलने लगेंगे जिस की अनुभूति आप खुद करेंगे लेकिन यह आस्था का विषय है जब तक कि आपको इन सब पर विश्वास नहीं होगा जो Belief System होता है यह सिस्टम काफी कारगर होता है।

आपकी अगर आस्था नहीं है तो आप किसी भी पाठ को करें आपको कोई भी लाभ होने वाला नहीं है लेकिन अगर आपको म है इस बात का कि इस काम को करने से मेरा काम बनेगा नेगेटिविटी को अगर दूर करनी है तो इसके लिए सुंदरकांड के चमत्कार को आपको देखना होगा सुंदरकांड का पाठ करना होगा सुंदरकांड का पाठ के अर्थ को समझ कर।

सुंदरकांड पाठ के नियम

सुंदरकांड पाठ करने के नियम भी है पाठ करने के लिए हनुमान चालीसा का भी पाठ करना चाहिए साथ में सबसे पहले गौरी गणेश जी की पूजा होनी चाहिए और हनुमान जी की पूजा करने के साथ ही हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ किया जाना चाहिए भगवान शंकर की पूजा भी साथ में की जानी चाहिए उनके मंत्रों का जाप किया जाना चाहिए यह सुंदरकांड पाठ के नियम है जिससे सुंदरकांड पाठ का आपको पूरी तरीके से लाभ मिले रामचरितमानस में सुंदरकांड एक अति महत्वपूर्ण अंग है और सुंदरकांड की महिमा काफी सारी बताई गई है।

क्या महिलाओं को करना चाहिए सुंदरकांड का पाठ?

महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करने के लिए जो विद्वानों ने अपनी राय दी है उसमें यह कहा है कि महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए लेकिन सिंदूर अर्पित नहीं करना चाहिए दूसरा उन दिनों में महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ नहीं करना चाहिए जब हमारा जाता है कि अपवित्र होती है तो इसलिए महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करने से कोई मनाही नहीं है और महिलाएं ही नहीं किसी भी व्यक्ति के लिए जब वह सुंदरकांड का पाठ करें खास करके जब हनुमान जी बजरंगबली का पाठ करें रामचरितमानस या रामायण का पाठ करें तो उस समय यह आवश्यक होता है कि वह पूरी तरह से मन और अपने कर्म से शुद्ध होना चाहिए पूरी शुद्धता के साथ ही हनुमान जी का पाठ करना चाहिए जिसमें सुंदरकांड का पाठ भी शामिल है।

Share this story