सूर्य प्रधान वर्ष 2026 में मिलता है नई शुरुआत, नेतृत्व परिवर्तन और निर्णायक फैसलों का संकेत
आगामी वर्ष में आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिलेगी नई गति - पंडित शशिपाल डोगरा
हिमाचल में कैबिनेट फेरबदल या नेतृत्व परिवर्तन संभव
शिमला। अंक ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2026 एक अत्यंत महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी वर्ष सिद्ध होने जा रहा है। वर्ष 2026 की अंक गणना 2+0+2+6 = 10 =1 होती है, यानी यह मूलांक 1 का वर्ष है, जिसका स्वामी ग्रह सूर्य माना जाता है। सूर्य को सत्ता, नेतृत्व, प्रशासन, आत्मबल, सम्मान और सरकार का प्रतीक माना जाता है।
इसी कारण 2026 को नई शुरुआत, निर्णायक नेतृत्व, सत्ता संतुलन में बदलाव और आत्मनिर्भरता का वर्ष कहा जा रहा है। जाने माने अंक ज्योतिषाचार्य पंडित शशिपाल डोगरा के मुताबिक यह वर्ष साहस और निर्णय की परीक्षा लेने वाला होगा। जो नेतृत्व जोखिम उठाकर आगे बढ़ेगा, वही सफलता पाएगा। वहीं पुरानी सोच और जड़ता में फंसे लोगों को संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। राजनीति, प्रशासन, समाज और व्यक्तिगत जीवन, हर स्तर पर “नई शुरुआत” के स्पष्ट संकेत दिखाई दे रहे हैं।

वैश्विक स्तर पर सूर्य का प्रभाव
पंडित डोगरा के अनुसार वर्ष 2026 में वैश्विक राजनीति में सत्ता और नेतृत्व से जुड़े घटनाक्रम प्रमुख रहेंगे। कई देशों में नेतृत्व परिवर्तन, सत्ता संघर्ष और कठोर राजनीतिक फैसलों के योग बन रहे हैं। शक्तिशाली राष्ट्र एकतरफा निर्णय ले सकते हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भूमिका कमजोर पड़ने की आशंका है। कूटनीति की जगह सत्ता और शक्ति की भाषा हावी रह सकती है।
इस दौरान सीमाई विवाद, सैन्य तनाव और रक्षा बजट में वृद्धि की संभावना भी जताई जा रही है। राष्ट्रवाद और आत्मनिर्भरता पर जोर बढ़ेगा। आर्थिक क्षेत्र में नई नीतियां लागू होंगी, पुराने समझौते टूट सकते हैं और बड़े उद्योग व कॉर्पोरेट घराने और अधिक मजबूत स्थिति में आ सकते हैं। विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अंतरिक्ष, रक्षा, ऊर्जा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में तेज़ प्रगति देखने को मिलेगी, वहीं तकनीक पर सरकारी नियंत्रण भी बढ़ सकता है।
भारतवर्ष पर प्रभाव
पंडित डोगरा ने कहा कि भारत के लिए वर्ष 2026 एक मजबूत और निर्णायक शासन का संकेत देता है। सूर्य प्रधान वर्ष होने के कारण केंद्र सरकार की शक्ति बढ़ेगी और बड़े, कठोर व ऐतिहासिक फैसले लिए जा सकते हैं। प्रशासनिक सख़्ती बढ़ने के साथ-साथ कानून-व्यवस्था पर विशेष जोर रहेगा। ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति मिलने की संभावना है। खासकर रक्षा, ऊर्जा और तकनीक के क्षेत्रों में।
उनका कहना है कि आगामी वर्ष में राजनीतिक दृष्टि से सत्ता और विपक्ष के बीच सीधा टकराव देखने को मिल सकता है। नए नेता उभरेंगे और पुराने राजनीतिक समीकरण टूट सकते हैं। उधर, अर्थव्यवस्था में नई नीतियों से बड़े उद्योगों को लाभ मिलने के संकेत हैं, जबकि सीमा सुरक्षा और सैन्य रणनीति को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अंक गणना कहती है कि भारत वैश्विक मंच पर आक्रामक और प्रभावशाली भूमिका निभा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वर्ष 2026 का प्रभाव
पंडित डोगरा कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मूलांक 8 (शनि) माना जाता है, जबकि 2026 सूर्य का वर्ष है। सूर्य और शनि के संयोग को सत्ता की कड़ी परीक्षा का संकेत माना जाता है। इस वर्ष प्रधानमंत्री के पिछले निर्णयों का फल सामने आ सकता है। सत्ता बनी रहेगी, लेकिन विरोध, आलोचना और जनआंदोलनों में वृद्धि संभव है। ऐसा में बड़े और कठोर फैसले लिए जा सकते हैं, जिनसे प्रशासनिक अनुशासन मजबूत होगा। हालांकि स्वास्थ्य और थकान से जुड़ी सावधानी बरतने की भी सलाह दी जाती है।
हिमाचल प्रदेश पर प्रभाव
पंडित शशिपाल डोगरा ने कहा कि अंक ज्योतिष के अनुसार 2026 हिमाचल प्रदेश के लिए नेतृत्व और प्रशासनिक निर्णयों का वर्ष रहेगा। सत्ता और विपक्ष के बीच सीधा टकराव संभव है। कैबिनेट फेरबदल या नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं तेज हो सकती हैं। प्रशासनिक सख़्ती बढ़ेगी और भ्रष्टाचार व लापरवाही पर कार्रवाई के संकेत हैं। उधर, विकास के मोर्चे पर सड़क, बिजली, पर्यटन और जल परियोजनाओं पर जोर रहेगा। हालांकि कर्ज़ और बजट दबाव सरकार के लिए चुनौती बने रह सकते हैं।
सामाजिक स्तर पर युवाओं, कर्मचारियों और विभिन्न वर्गों की सक्रियता बढ़ेगी। प्राकृतिक दृष्टि से गर्मी, जल संकट और पर्यावरण से जुड़े मुद्दे उभर सकते हैं, जिससे आपदा प्रबंधन सरकार की बड़ी परीक्षा बनेगा।
पंडित डोगरा कहते हैं कि कुल मिलाकर, अंक ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2026 नेतृत्व, सत्ता, परिवर्तन और नई शुरुआत का वर्ष है। यह समय साहसिक निर्णयों, आत्मनिर्भरता और अनुशासन की मांग करेगा। अहंकार से दूरी, न्यायपूर्ण फैसले और सेवा भाव ही इस सूर्य प्रधान वर्ष में सफलता की कुंजी साबित होंगे। राजनीति से लेकर समाज और व्यक्तिगत जीवन तक, 2026 को परिवर्तन और नेतृत्व की कसौटी के रूप में देखा जा रहा है।
अंक ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2026 का मूलांक विश्लेषण
2026 = 2+0+2+6 = 10 → 1+0 = 1
अर्थात 2026 का वर्षांक = 1 (सूर्य)
यह वर्ष नेतृत्व, सत्ता, परिवर्तन, नई शुरुआत और निर्णयों का संकेत देता है।
मूलांक 1 (1, 10, 19, 28)
यह वर्ष बहुत शुभ रहेगा। पद-प्रतिष्ठा, नेतृत्व, राजनीति, प्रशासन में उन्नति, नया काम शुरू करने के लिए उत्तम समयअहंकार से बचें।
मूलांक 2 (2, 11, 20, 29)
इस वर्ष मिश्रित फल मिलेगा। इस दौरान साझेदारी व रिश्तों में सावधानी बरतें। मानसिक तनाव संभव, धैर्य रखें, निर्णय सोच-समझकर लें।
मूलांक 3 (3, 12, 21, 30)
इस वर्ष शिक्षा, धर्म, सलाहकारी क्षेत्र में लाभ
मान-सम्मान बढ़ेगा। इस वर्ष अनावश्यक वाद-विवाद से बचें।
मूलांक 4 (4, 13, 22, 31)
इस वर्ष संघर्ष के बाद सफलता मिलेगी। तकनीकी, ज़मीन, निर्माण कार्य में योग, जल्दबाज़ी नुकसान दे सकती है।
मूलांक 5 (5, 14, 23)
यह बदलावों का वर्ष रहेगा। इस दौरान राजनीति, मीडिया, व्यापार में लाभ यात्राएं बढ़ेंगी। अवसर पहचानना ज़रूरी
मूलांक 6 (6, 15, 24)
इस वर्ष सुख-सुविधा, वैभव में वृद्धि होगी। प्रेम व पारिवारिक जीवन अनुकूल रहेगा। खर्चों पर नियंत्रण रखें।
मूलांक 7 (7, 16, 25)
यह आत्ममंथन का वर्ष है। इस दौरान आध्यात्मिक प्रगति, शोध व गूढ़ विषयों में रुचि होगी। अकेलापन महसूस हो सकता है।
मूलांक 8 (8, 17, 26)
यह वर्ष कर्मफल का वर्ष रहेगा। इस दौरान राजनीति व प्रशासन में निर्णायक समय, पुरानी मेहनत का फल मिलेगा। धैर्य और संयम आवश्यक है।
मूलांक 9 (9, 18, 27)
यह वर्ष साहस और संघर्ष का वर्ष रहेगा। इस दौरान सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में सक्रियता
विरोधी भी बढ़ेंगे। संयम से बड़ी सफलता संभव है।
