इस दिवाली कहीं आप पर भी ना हो जाए काला जादू
दिवाली की रात काशी के मणिकर्णिका घाट का नज़ारा किसी को भी डरा सकता है... यहां बड़े-बड़े साधक और तांत्रिक नरमूंडो के बीच खून से नहाते हैं... जलती चिताओं के बीच एक पैर पर खड़े होकर शव साधना की जाती है... काशी सिर्फ एक ऐसी नगरी है, जहां महादेव खुद औघड़ दानी के रूप में महा शमशान में विराजते हैं... उन्हीं बाबा औघड़ दानी के समक्ष तामसिक क्रिया करने के लिए नरमुंडो में खप्पर भरकर 40 मिनट तक आरती की जाती है... ऐसा ही कुछ नजारा महाकाल की नगरी उज्जैन, झारखंड के जमशेदपुर और बंगाल के कुछ कुछ क्षेत्रों में देखने को मिलता है...
तंत्र यानी तन से, मंत्र यानी मन से और यंत्र यानी मशीन से... तांत्रिक क्रियाओं के ज़रिए इन्हीं तीनों को वश में करने की कोशिश की जाती है.... तांत्रिक शव साधना करके भूतलोक की शक्तियों को जागृत करते हैं और अपने काम को उनके ज़रिए सिद्ध करवाते हैं... साधक इस दौरान शव के ऊपर बैठकर पूरी रात साधना करता है... ये साधना इतनी शक्तिशाली होती है कि अगर ये सिद्ध हो जाए तो तांत्रिक किसी को भी बर्बाद कर सकता है...
धर्म ग्रंथों के जानकार बताते हैं कि वेद पुराणों और शास्त्रों में तंत्र साधनाओं को सही नहीं माना गया है... रामचरित्र मानस में भी ऐसा ही लिखा है... इसे धर्म के ख़िलाफ़ बताया गया है... ऐसा करने पर आपको इसके side effects, Definitely भुगतने पड़ते हैं... ऐसा कहा जाता है कि गृहस्थ जीवन में रहने वाले आदमी को इन सब चीजों से दूर रहना चाहिए... ऐसा बोला जाता है कि अगर कोई अज्ञानी व्यक्ति इस साधना को करता है तो शव उसकी जान तक ले सकता है...
जानकारों के मुताबिक, शव साधना के लिए शव को नहला कर पहले तो शुद्ध कर दिया जाता है... इसके बाद विशेष तांत्रिक प्रक्रिया के तहत शव के सिर में छोटा सा सुराख बना यज्ञ सामग्री भी डाली जाती है... इसके बाद शव को साधना स्थल पर रख दिया जाता है और साधक गुरु पूजन, अघोर पुरुष नमन, दिशा नमन, दिशा कीलन, स्थान कीलन जैसी कई क्रिया करता है...
खैर, अब चलिए जानते हैं कि दिवाली के दौरान खुद को कैसे नेगेटिव एनर्जी से दूर रखें...
आपको पता ही होगा कि तंत्र-मंत्र और टोने-टोटके कई जगहों पर नवरात्रि के आते ही शुरू हो जाता है और दिवाली तक चलता है... ऐसे में लोग सजग रहना ज़रूरी हो जाता है... ये केवल गांवों और कस्बों तक ही सीमित नहीं बल्कि छोटे-बड़े शहरों में भी किए जाते हैं... ऐसे में इस दौरान जब किसी दूसरे के घर से मिठाई आए तो पहले उसमें से थोड़ा सा टुकड़ा निकाल कर फेंक दें, उसके बाद ही परिवार के लोगों को खिलाएं... कहा जाता है ऐसा करने से अगर खाने में कोई टोना-टोटका किया गया होगा तो परिजनों पर इसका दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा...
इसके अलावा कुछ लोग नजर उतारने के लिए थोड़ा सा नमक हाथों में लेकर नजर व टोना उतारते हैं, जिसके बाद उसे पानी में बहा दिया जाता है... कहा जाता है कि ऐसा करने से बुरी बलाएं पास नहीं फटकती... इस दौरान लड़कियों को बाल खोल कर घूमने से मना किया जाता है साथ ही घर के छत या सुनसान जगहों पर खेलने से भी मना किया जाता है... इसके अलावा दीपावली पर कई तरह के शास्त्रीय कवच अपनाकर और यंत्र पहनकर ऐसी नेगेटिव शक्तियों से बचा जा सकता है