गुरुवार पूजा विधि: बृहस्पति देव की पूजा कैसे करें,जानिए पूरी विधि

गुरुवार का दिन हिंदू धर्म में भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति को समर्पित माना जाता है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख, समृद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है। नीचे गुरुवार की पूजा की सरल और प्रामाणिक विधि दी गई है, जिसे कोई भी आसानी से कर सकता है।
पूजा की तैयारी
स्नान और स्वच्छता: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें।
पूजा सामग्री: निम्नलिखित सामग्री एकत्र करें:
भगवान विष्णु या गुरु बृहस्पति की मूर्ति/चित्र
पीले फूल (विशेष रूप से चंपा या गेंदा)
पीला कपड़ा
हल्दी, चंदन, कुमकुम
चने की दाल, गुड़, केला, और पीले मिठाई (जैसे बेसन के लड्डू)
धूप, दीप, कपूर
तुलसी के पत्ते
विष्णु सहस्रनाम या गुरु मंत्र की पुस्तक
पूजा विधि
पूजा स्थल की स्थापना:
एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु या गुरु बृहस्पति की मूर्ति/चित्र स्थापित करें।
मूर्ति के सामने एक तांबे का कलश रखें, जिसमें पानी, सुपारी, और आम के पत्ते डालें।
ध्यान और संकल्प:
पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल लेकर संकल्प लें कि आप यह पूजा अपने परिवार की सुख-समृद्धि और ज्ञान प्राप्ति के लिए कर रहे हैं। भगवान विष्णु या गुरु बृहस्पति का ध्यान करें।
पूजन:
दीपक और धूप जलाएं।
भगवान को हल्दी, चंदन, और कुमकुम का तिलक लगाएं।
पीले फूल और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
चने की दाल, गुड़, और केले का भोग लगाएं।
मंत्र जाप:
भगवान विष्णु के लिए: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार जाप करें।
गुरु बृहस्पति के लिए: ॐ बृं बृहस्पतये नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
यदि समय हो, तो विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
आरती:
पूजा के अंत में भगवान विष्णु या गुरु बृहस्पति की आरती करें।
कपूर जलाकर आरती गाएं और भगवान से प्रार्थना करें।
प्रसाद वितरण:
पूजा के बाद प्रसाद को परिवार और पड़ोसियों में बांटें।
विशेष टिप्स
उपवास: गुरुवार को व्रत रखने की परंपरा है। इस दिन केवल एक समय सात्विक भोजन करें, जिसमें नमक का उपयोग न करें।
दान-पुण्य: पीले वस्त्र, चने की दाल, या पीली मिठाई का दान करें। ब्राह्मण या गुरु को दक्षिणा देना भी शुभ माना जाता है।
आचरण: पूजा के दिन क्रोध, नकारात्मक विचार, और मांस-मदिरा से दूर रहें।
लाभ
गुरुवार की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख, आर्थिक समृद्धि, और बच्चों की उन्नति होती है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जिनकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है।
इस विधि का पालन करके आप गुरुवार की पूजा को सरलता और श्रद्धा के साथ संपन्न कर सकते हैं। भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति की कृपा से आपका जीवन सुखमय हो!