Powered by myUpchar
Tirupati Balaji Mandir Ka Itihas In Hindi|| तिरुपति मंदिर का रहस्य क्या है?

इस मंदिर से बहुत और चमत्कारिक रहस्य जुड़े हुए है
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में पर्वत पर स्थित है और मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक है। इतना ही नहीं तिरुपति बालाजी नारायण जी को समर्पित है। मान्यता है कि जो भी इंसान सच्चे मन से भगवान वैंकटेश्वर के सामने प्रार्थना करता है। उनकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है। भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार यहाँ पर आकर तिरुपति मंदिर में अपने बाल दान करती इस मंदिर से बहुत और चमत्कारिक रहस्य जुड़े हुए। ऐसा कहा जाता है कि भगवान वैंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर जो है वो बिल्कुल असली है। ये बाल कभी भी उलझते नहीं है और हमेशा मुलायम रहते हैं। लोगों का कहना है कि यहाँ भगवान नारायण स्वयं विराजमान है।
गर्भगृह के बाहर आएँगे तो चौंक जाएंगे
जब आप मंदिर के गर्भगृह में जाएंगे तो ऐसा लगेगा तो श्री वैंकटेश्वर की मूर्ति गर्भगृह के माध्यम में। लेकिन आप जैसे ही गर्भगृह के बाहर आएँगे तो चौंक जाएंगे क्योंकि बाहर आकर ऐसा लगेगा कि भगवान की प्रतिमा कीस तरफ स्थित है। अभी सिर्फ भ्रम है या कोई भगवान का चमत्कार? उसका पता आज तक कोई लगा नहीं पाया। इस को लेकर ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के इस रूप में देवी लक्ष्मी की समाहित है, जिसकी वजह से श्रीवेंकटेश्वर को स्त्री और पुरुष दोनों के वस्त्र पहनाने की परंपरा है। प्रभु तिरुपति मंदिर में श्री वैंकटेश्वर की मूर्ति काफी अलौकिक है। ये खास पत्थर से बनी है। बता दें कि यह मूर्ति इतनी जीवंत है। ऐसा लगता है की जैसे भगवान विष्णु हो, सामने प्रभु की मूर्ति को पसीना आता है और पसीने की बूंदें देखी जा सकती है। बता दें कि इससे करीब 23 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव में जहाँ गांव वालों के अलावा कोई बाहर का इंसान अंतर नहीं आ सकता।
गुरुवार के दिन प्रभु श्री वैंकटेश्वर को चंदन का लेप जाते है
मंदिर में चढ़ाए जाने वाला प्रसाद जैसे की फल, दही, दूध, मक्खन आदि सभी सामान। गांव से आती है। वहीं गुरुवार के दिन प्रभु श्री वैंकटेश्वर को चंदन का लेप लगाएं। ज्वैलर है और जब भगवान को स्नान करने के बाद ये लेप हटाया जाता है तो भगवान वैंकटेश्वर के घर में माता लक्ष्मी की आकृति दिखाई पड़ती है। और तो और मंदिर में ये किया हमेशा चलता रहता है और सबसे आने वाली बात तो यह है कि इस दीपक में कभी भीकुछ नहीं डालना जाता है । यहाँ तक किसी को पता नहीं है सबसे पहले किसने और कब टिप जलाया था। इतना ही नहीं भगवान वैंकटेश्वर की मूर्ति पर कान लगाकर सुनें तो समुद्र की लहरों की आवाजें सुनाई देती है। यह भी कहा जाता है कि भगवान की मूर्ति हमेशा नम रहती है। अब जैसा कि सभी को पता है कि शास्त्रों और प्राणों में ब्रह्मा, विष्णु और महेश त्रिदेव को सबसे प्रमुख देवता में से एक है
बालाजी मंदिर ट्रस्ट के खजाने भी 50,000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है
भगवान श्री वैंकटेश्वर बालाजी के पास है पर एक आंकड़े के अनुसार बालाजी मंदिर ट्रस्ट के खजाने भी 50,000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। लेकिन इतने धनवान होने पर भी भगवान बालाजी सभी देवताओं से कम धनी ही है। अब आप सोच रहे होंगे कि इतना पैसा होने पर वेंकटेश्वरी करीब कैसे हो सकते हैं और दूसरा सवाल ये उठ सकता है की जो सबकी इच्छा पूरी करता है वो खुद कैसे गरीब हो सकता है? जिसे लेकर एक पौराणिक कथा है कि बालाजी कलियुग के आखिरी तक कर्ज में रहेंगे। जी हाँ, वैंकटेश्वर बालाजी के ऊपर जो कर्ज है उसी कर्ज को चुकाने के लिए आज उनके सभी भक्त सोना और बहुमूल्य वस्तु चढाते है । शास्त्रों की मानें तो कर्ज में डूबे इंसान के पास कितना भी धन हो वो करीब का करीब ही रहता है।