शिवलिंग क्या है और कैसे बना ? क्यों नही शिवलिंग घर मे किये जाते हैं स्थापित
शिवलिंग का नाम शिवलिंग क्यों पड़ा?
शिवलिंग की वैज्ञानिकता ....
शिवलिंग क्या है और कैसे बना?
शिवलिंग का अर्थ है शिव का प्रतिक, जैसे पूरूष लिंग यानि पुरुष का प्रतिक , स्त्रीलिंग स्त्री का प्रतीक,नपुसकलिंग नपुशक का प्रतीक . उसी तरह योनि शब्द मतलब जन्म से भी है. मनुष्ययोनि मनुष्य का जन्म (स्त्री या पुरूष) . कीट योनि यानि कीडो का जन्म, कुत्ते की योनि यानी कुत्ते का जन्म (कुत्ता या कुत्ती). हिंदू धर्म मे 84 लाख प्रकार की योनिया है यानि 84 लाख प्रकार के जन्म. हम जैसा कर्म करेगे वैसा हमे जन्म मिलेगा. वैज्ञानीक भी मानते है की 84 लाख के आसपास धरती मे जीव है.
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शिवलिंग का रहस्य क्या है?
वैज्ञानीक की भाषा मे शिवलिंग एक Radioactive Source Container है। जाग्रत शिवलिंग, Live source का Container है, बाकी सब प्रतीक हैं। चूंकि Source गर्म हो जाता है, इसलिये इस पर लगातार जल की बूंदे डाली जाती हैं। शिवालय में शिवलिंग नीचे तल पर होता है, ताकि इसका पानी बाहर न छलके, शिवलिंग पर चढ़ा पानी भी रिएक्टिव हो जाता है तभी जल निकासी नलिका को लांघा नहीं जाता। पहले के जमाने में शिवालय हमेशा बस्ती से बाहर वीराने में होते थे, जैसे कि परमाणु बिजलीघर विरान मे. ……
Mahakaleshwar Temple Ujjain मे शिवलिग मे भगवान का चेहरा क्यो बना है ?
भारत का रेडियोएक्टिविटी मैप उठा लें, तब हैरान हो जायेगें ! भारत सरकार के नुक्लियर रिएक्टर के अलावा सभी ज्योतिर्लिंगों के स्थानों पर सबसे ज्यादा रेडिएशन पाया जाता है।
शिवलिंग और कुछ नहीं बल्कि न्यूक्लियर रिएक्टर्स ही हैं, तभी तो उन पर जल चढ़ाया जाता है ताकि वो शांत रहे.
महादेव के सभी प्रिय पदार्थ जैसे किए बिल्व पत्र, आक, आकमद, धतूरा, गुड़हल, आदि सभी न्यूक्लिअर एनर्जी सोखने वाले है।
क्यूंकि शिवलिंग पर चढ़ा पानी भी रिएक्टिव हो जाता है इसीलिए तो जल निकासी नलिका को लांघा नहीं जाता।
भाभा एटॉमिक रिएक्टर का डिज़ाइन भी शिवलिंग की तरह ही है।
शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ जल नदी के बहते हुए जल के साथ मिलकर औषधि का रूप ले लेता है।
गोंडा उत्तर प्रदेश में पृथ्वीनाथ मंदिर शिवलिंग जिसे भीम द्वारा स्थापित किया गया
तभी तो हमारे पूर्वज हम लोगों से कहते थे कि महादेव शिवशंकर अगर नाराज हो जाएंगे तो प्रलय आ जाएगी।
हमारी परम्पराओं के पीछे कितना गहन विज्ञान छिपा हुआ है।