What is the secret of the Voynich manuscript book? वोयनिच पांडुलिपि किताब का क्या है रहस्य
Voynich Manuscript के रहस्य को सुलझाने के लिए निम्नलिखित कारणों को जिम्मेदार माना जाता है
इस किताब में इस्तेमाल की गई भाषा किसी भी ज्ञात भाषा से मेल नहीं खाती है। इसमें लगभग 200 अलग-अलग प्रतीकों का उपयोग किया गया है, जिनमें से कोई भी किसी भी ज्ञात भाषा के वर्णमाला में नहीं पाया जाता है। इस किताब में 240 पेज का हैं, जो विभिन्न विषयों को कवर करते हैं। इसमें वनस्पति, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और अन्य विषयों से संबंधित चित्र और पाठ शामिल हैं। इस किताब की उत्पत्ति और लेखक अज्ञात हैं। यह किताब 15वीं शताब्दी में लिखी गई थी, लेकिन यह किसके द्वारा लिखी गई थी, यह कोई नहीं जानता है।
कई लोग पंद्रहवीं शताब्दी के कोडेक्स को जिसे आमतौर पर वॉयनिच पांडुलिपि के रूप में जाना जाता है दुनिया की सबसे रहस्यमय किताब कहते हैं। एक अज्ञात लेखक द्वारा अज्ञात लिपि में लिखी गई इस पांडुलिपि का अब कोई स्पष्ट उद्देश्य नहीं है जब इसे 1912 में दुर्लभ पुस्तकों के विक्रेता विल्फ्रिड वोयनिच द्वारा फिर से खोजा गया था।
वोयनिच पांडुलिपि किताब का क्या है रहस्य
वोयनिच पांडुलिपि को कभी किसी ने नहीं पढ़ पाया है क्योंकि इसमें लिखी गई भाषा की कोई पहचान नहीं की जा सकी है। पांडुलिपि में 240 पृष्ठ हैं जिनमें 170,000 से अधिक अक्षर हैं। इन अक्षरों को अलग-अलग तरीके से व्यवस्थित किया गया है और वे किसी भी ज्ञात भाषा के समान नहीं हैं। पांडुलिपि की भाषा को समझने के लिए कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। कुछ विद्वानों का मानना है कि पांडुलिपि एक नकली है, जबकि अन्य का मानना है कि यह एक वास्तविक पाठ है जो किसी अज्ञात भाषा में लिखा गया है। वोयनिच पांडुलिपि के बारे में कई सिद्धांत हैं, लेकिन कोई भी सिद्धांत पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि पांडुलिपि एक चिकित्सा पाठ है, जबकि अन्य का मानना है कि यह एक खगोलीय या अलौकिक पाठ है। पांडुलिपि की भाषा को समझने के लिए कई अनुसंधान जारी हैं। यदि पांडुलिपि की भाषा को समझा जा सकता है तो यह मानव इतिहास और संस्कृति के बारे में हमारी समझ को बदल सकता है।
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वोयनिच पांडुलिपि किताब को क्यों नहीं पढ़ सका
पांडुलिपि में लिखी गई भाषा की कोई पहचान नहीं की जा सकी है।
पांडुलिपि में लिखे गए अक्षरों को अलग-अलग तरीके से व्यवस्थित किया गया है।
पांडुलिपि में लिखे गए पाठ में कोई स्पष्ट अर्थ नहीं है।
वोयनिच पांडुलिपि एक रहस्य है जिसे अभी तक सुलझाया नहीं गया है। यह एक रहस्य है