महंगे घरों के लिए भारी कटौती का दावा करने वाले एचएनआई को झटका

महंगे घरों के लिए भारी कटौती का दावा करने वाले एचएनआई को झटका
नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। कर रियायतों और छूट के बेहतर लक्ष्य के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने धारा 54 और 54एफ के तहत आवासीय घरों में निवेश पर पूंजीगत लाभ से कटौती को 10 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया।

उन्होंने कहा कि इसी तरह के इरादे से एक और प्रस्ताव बहुत अधिक मूल्य वाली बीमा पॉलिसियों की आय से आयकर छूट को सीमित करना है। वाटरफील्ड एडवाइजर्स के बिजनेस एडवाइजरी सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट विशाल येओले ने कहा कि बजट में धारा 54 और धारा 54एफ के तहत अधिकतम कटौती को 10 करोड़ रुपये तक सीमित करने का प्रस्ताव किया गया है।

येओला ने कहा कि, अब तक, ऐसी कोई सीमा नहीं थी और आम तौर पर, हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई) और अल्ट्रा हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (यूएचएनआई) इस अवसर का उपयोग अपनी कैपिटल गेन टैक्स देनदारी को कम करने के लिए करते थे। इन छूट वर्गों का मूल उद्देश्य हमेशा आवास क्षेत्र को प्रोत्साहित करना और आवास की कमी को कम करना रहा है। यह महसूस किया गया था कि छूट अभीष्ट उद्देश्य को प्राप्त नहीं कर रही थी और अब एचएनआई/यूएचएनआई को उत्पन्न होने वाले पूंजीगत लाभ कर पर उपलब्ध आर्ब्रिटेज को काफी हद तक सीमित करने का प्रस्ताव है।

वित्त विधेयक के अनुसार, आयकर, 1961 (अधिनियम) की धारा 54 और धारा 54एफ के मौजूदा प्रावधान लंबी अवधि की पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण से उत्पन्न होने वाले पूंजीगत लाभ पर कटौती की अनुमति देते हैं, यदि एक निर्धारिती ने स्थानांतरण की तारीख से एक वर्ष पहले या उसके बाद दो वर्ष की अवधि के भीतर भारत में कोई आवासीय संपत्ति खरीदी, या उस तिथि के बाद तीन वर्ष की अवधि के भीतर भारत में किसी आवासीय संपत्ति का निर्माण किया।

अधिनियम की धारा 54 के लिए, यदि आवासीय घर में पूंजीगत लाभ का पुनर्निवेश किया जाता है, तो आवासीय घर के हस्तांतरण से होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कटौती उपलब्ध है। अधिनियम की धारा 54एफ में, एक आवासीय घर को छोड़कर किसी भी लंबी अवधि की पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण से उत्पन्न होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कटौती उपलब्ध है, यदि शुद्ध प्रतिफल एक आवासीय घर में पुनर्निवेश किया जाता है।

अधिनियम की धारा 54 और धारा 54एफ का प्राथमिक उद्देश्य आवास की तीव्र कमी को कम करना और गृह निर्माण गतिविधि को गति देना था। हालांकि, यह देखा गया है कि इन प्रावधानों के तहत उच्च-नेट-वर्थ निर्धारितियों द्वारा बहुत महंगे आवासीय घरों को खरीदकर भारी कटौती के दावे किए जा रहे हैं। यह इन वर्गों के मूल उद्देश्य को रोक रहा है। इसे रोकने के लिए, धारा 54 और 54एफ के तहत निर्धारिती द्वारा दावा की जा सकने वाली अधिकतम कटौती की सीमा 10 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है। यह प्रावधान किया गया है कि यदि खरीदी गई नई संपत्ति की लागत 10 करोड़ रुपये से अधिक है, तो ऐसी संपत्ति की लागत 10 करोड़ रुपये मानी जाएगी। यह दो वर्गों के तहत कटौती को 10 करोड़ रुपये तक सीमित कर देगा।

--आईएएनएस

केसी/एएनएम

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