हार्ट अटैक और आयुर्वेदिक समाधान: महर्षि वाग्भट की दृष्टि से
Heart attack and ayurvedic solution: from the perspective of Maharishi Vagbhata
Thu, 17 Jul 2025
भारतवर्ष में प्राचीन काल में चिकित्सा शास्त्र का गहन ज्ञान था, जिसका प्रमाण है आयुर्वेद के महान ग्रंथ "अष्टांग हृदयम्"। इस ग्रंथ के रचयिता महर्षि वाग्भट ने आज से लगभग 3000 वर्ष पूर्व, स्वास्थ्य और रोगों के निदान से जुड़े करीब 7000 सूत्र लिखे थे। उन्हीं सूत्रों में से एक सूत्र, हृदय रोग यानी हार्ट अटैक की जड़ और उसके सरल समाधान को उजागर करता है।
हार्ट अटैक की जड़: रक्त में अम्लता (Blood Acidity)
महर्षि वाग्भट के अनुसार, जब हृदय की धमनियों में रुकावट (blockage) शुरू होती है, तो इसका मूल कारण होता है रक्त में बढ़ी हुई अम्लता (acidity)। अम्लता दो प्रकार की होती है
पेट की अम्लता (Gastric Acidity) – जिसमें जलन, खट्टी डकारें, या उल्टी जैसा अनुभव होता है।
रक्त की अम्लता (Blood Acidity) – जो शरीर के अंदर धीरे-धीरे फैलती है और हृदय की नसों को संकुचित कर देती है, जिससे ब्लॉकेज होता है।
जब रक्त अम्लीय हो जाता है, तो वह हृदय की नलियों से आसानी से नहीं बहता, जिससे नलियों में रुकावटें बनने लगती हैं। यही रुकावट आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बनती है।
समाधान: क्षारीय आहार (Alkaline Diet)
आयुर्वेद के अनुसार, अम्लता को संतुलित करने के लिए उसका विपरीत गुण – क्षार (alkaline) – अपनाना चाहिए। जब आप क्षारीय चीजों का सेवन करते हैं, तो वह रक्त की अम्लता को न्यूट्रल कर देती हैं, जिससे नसों की रुकावटें दूर हो सकती हैं और हार्ट अटैक की संभावना खत्म हो जाती है।
लौकी: प्राकृतिक क्षारीय औषधि
महर्षि वाग्भट के अनुसार, सबसे प्रभावशाली क्षारीय आहार है — लौकी (Bottle Gourd)। यह हर रसोई में आसानी से मिलने वाली सब्जी है, और इसकी क्षारीयता इतनी अधिक है कि यह रक्त की अम्लता को बहुत तेजी से कम करती है।
लौकी के रस का सेवन कैसे करें?
मात्रा: प्रतिदिन 200 से 300 मि.ली. ताजा लौकी का रस
समय: सुबह खाली पेट (टॉयलेट जाने के बाद), या नाश्ते के आधे घंटे बाद और अधिक प्रभावी बनाने के लिए
7-10 पत्ते तुलसी के मिलाएं
7-10 पत्ते पुदीना के मिलाएं
स्वादानुसार काला या सेंधा नमक डालें (आयोडीन युक्त नमक से बचें)
इस मिश्रण का नियमित सेवन करने से 21 दिनों में असर दिखने लगता है, और लगभग 2 से 3 महीनों में नसों की ब्लॉकेज खुलने लगती है।
ऑपरेशन से बचाव संभव
आयुर्वेद के अनुसार, यदि लौकी के रस का सेवन नियमित रूप से किया जाए, तो हृदय संबंधी समस्याएं बिना सर्जरी के ठीक हो सकती हैं। यह उपाय न केवल प्राकृतिक और सरल है, बल्कि लाखों रुपये की सर्जरी से भी बचा सकता है।
