एस0 के0 डी0 एकेडमी मे भगवान श्री विश्वकर्मा की पूजा का आयोजन व हवन हुआ।

विश्वकर्मा पूजा

 बच्चों ने पौधारोपण करके प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिन पर शुभ स्वास्थ की मंगलकामना की

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। 17 सितम्बर निर्माण के देवता शिल्पाचार्य की पूजा का दिन है और इसी दिन देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का जन्मदिन भी होता है। इसी उपलक्ष्य में एस0के0डी0 एकेडमी में बच्चों ने अपने विद्यालय के प्रांगण में पौधारोपण करके प्रधानमंत्री जी के स्वस्थ जीवन की मंगल कामना की।एस0के0डी0 एकेडमी हर वर्ष बड़ी ही श्रद्धा के साथ भगवान श्री विश्वकर्मा की पूजा का आयोजन करता चला आ रहा है।

विश्कर्मा पूजा

इसी क्रम में दिनाँक 17 सितम्बर, 2023 (रविवार) को श्री विश्वकर्मा जी का पूजनसंस्था के चेयरमैन एस. के. डी. सिंह द्वारा बहुत ही हर्षोल्लास से किया गया। भगवान श्री विश्वकर्मा की प्रतिमा बड़े ही आकर्षक ढ़ग से सजाई गयी फूल-मालायें चढ़ायी गयी तथा मंत्रोच्चार द्वारा श्री विश्वकर्मा जी का आह्वानएवं पूजन किया गया तथा श्री विश्वकर्मा भगवान से प्रार्थना की गयी कि वह हमें इतना सक्षम बनायें कि हम देश एवं समाज की उन्नति में अपना योगदान दे सकें। एकेडमी की सभी शाखाओं के बच्चों ने अपने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जन्मदिन पर उनके नाम से पौधों को रोपित करके बधाई संदेश दिया। व उनके बारे में एवं उनके द्वारा चलाई गई योजनाओं से देश की प्रगति के बारे में चर्चा की। साथ ही बच्चों के साथ  मनीष सिंह  ने भी प्रधानमंत्री जी को बधाई संदेश दिया।


इस अवसर पर एस0के0डी0 एकेडमी के निदेशक श्री मनीष सिंह जी ने इस दिन की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि आज का दिन समस्त सृजनशील हाथों को समर्पित है। आज के दिन अथर्ववेद के दृष्टा भगवान श्री विश्वकर्मा जी की पूजा सभी निर्माण से संबंधित व्यवसायों में की जाती है तथा उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की जाती है कि भगवान श्री विश्वकर्मा जी ने हमारे हाथों में जो हुनर दिया है उससे हम निरन्तर समाज और देश की उन्नति कर सकें। भगवान श्री विश्वकर्मा को सृष्टि का सबसे बड़ा अभियन्ता माना जाता है।

वैदिक काल में उच्चकोटि के यन्त्रों का निर्माण हुआ था जिसकी तकनीक को लेकर आज भी पूरा विश्व अचंभित है। श्री विश्वकर्मा के वंशजों ने नित नये अविष्कार किये तथा आज के तकनीक पूर्ण समाज में इनका बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है।

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