राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से कुल 3,68,949 मामलों का हुआ निस्तारण

A total of 3,68,949 cases were resolved through National Lok Adalat.
A total of 3,68,949 cases were resolved through National Lok Adalat.
हरदोई(अम्बरीष कुमार सक्सेना) अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदोई सुधाकर दुबे ने बताया कि माननीय जनपद न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राज कुमार सिंह द्वारा आज दिनांक 09 मार्च 2024  दिन शनिवार को प्रातः 10:30 बजे राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया गया।

इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय अजय कुमार श्रीवास्तव,माननीय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण शमशुल हक, अपर जिला जज प्रीती श्रीवास्तव, नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत अपर जिला जज हेमेन्द्र कुमार सिंह, समस्त न्यायिक अधिकारी व बैंक अधिकारी उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारियों, विभिन्न बैंकों, बीमा कंपनियों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया एवं वादों का निस्तारण कराया। नोडल अधिकारी/अपर जिला जज हेमेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से विभिन्न न्यायालयों द्वारा 11970 वादों का निस्तारण किया गया।

राष्ट्रीय लोक अदालत में उत्तराधिकार प्रकृति के 12 वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 155 वाद, पारिवारिक मामलों के 47 वाद, फौजदारी के 11627 वाद, विभिन्न प्रकृति के 94 तथा उपभोक्ता फोरम द्वारा 30 मामलों का , स्थाई लोक अदालत द्वारा 05 एवं जिला प्रशासन द्वारा 5126 वादों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते व अभिस्वीकृति के आधार पर किया गया।

मोटर दुर्घटना वादों में 2,10,85,000/- रुपये की धनराशि प्रतिकर के रूप में पीड़ित पक्षकारों को दिलवाई  गई। ई-डिस्ट्रिक पोर्टल के माध्यम से जिला प्रशासन के विभागों द्वारा 3,50,743/- मामलों का निस्तारण किया गया। 
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/अपर जिला जज सुधाकर दुबे ने बताया कि लोक अदालत के आयोजन में जनपद न्यायालय परिसर में बैंकों के कैम्प लगाए गए, जिसमें विभिन्न बैंकों ने बैंक ऋण से संबंधित 1104 वादों का निस्तारण किया एवं कुल ऋण धनराशि 13,92,50,000/- रुपये का समझौता किया गया व भारत संचार निगम द्वारा 06 वादों का निस्तारण किया गया।प्राधिकरण सचिव ने अवगत कराया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 3,68,949 वादों का निस्तारण किया गया तथा समझौता धनराशि 17,64,10,812/- रुपये रही  राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में समस्त न्यायिक अधिकारियों, बैंक-बीमा कंपनी का भी योगदान रहा।

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