हरदोई जिले के थमरवा गांव से अनुराग की कोलंबो लंका की शानदार यात्रा
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
हरदोई। गांधी विचार के आकर्षण बाबा विनोबा जी के दर्शन निर्मला दीदी के मार्गदर्शन और कुछ कर दिखाने की तडपन जिससे ग्रामस्वराज्य हेतु हो गया जीवन समर्पण। यह कल्याणमयी भावना और मिशन लेकर हम सब साथियों ने अग्रज साथी स्वर्गीय रमेश भाई (हरदोई) के साथ मिलकर गांव से काम वर्ष 1976 में शुरू किया था ।
गांव से न्याय पंचायत, न्याय पंचायत से ब्लॉक ब्लॉक से तहसील, तहसील से जिला ,जिला से कमिश्नरी कमिश्नरी से प्रदेश,प्रदेश से देश से विदेश की मंजिल तय करने मे धीरे धीरे अर्ध शताब्दी लग गई। गांव जिला प्रदेश और देश में भी अनेक वृहत सम्मेलनों कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए ग्रामीण कार्यकर्ताओं को सम्मानपूर्वक निरंतर अवसर मिलना, हम सबके लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है।
सामाजिक कार्यों को गति देने के लिए संस्था के रूप में जो सेवा आश्रम बनाए गए।उन आश्रमों की प्रतिनिधि उर्मिला बहन इंग्लैंड और जर्मनी कुसुम बहन इजिप्ट , रंजन बहन हांगकांग,विमला बहन अमेरिका ,सुरेश शर्मा अपना घर हेतु बांग्ला देश , नसरीन बहन ज्योति हेतु बांग्लादेश ,रमेश श्रीवास्तव थाईलैंड महिला रेशम के प्रयोग सुनाने और अंत में मोहित कुमार दक्षिण अफ्रीका (लखनऊ में सफल हुआ टोबैको फ्री कैंपेन को प्रस्तुत करने) भी आश्रमों के सफल प्रयोगों को प्रस्तुति करने अलग अलग देशों में जा चुके हैं।
लेकिन प्रसन्नता तब सबसे ज्यादा हुई जब समाज सेवा से जुड़ी अगली पीढ़ी का प्रतिनिधत्व करते हुए उच्च सूचना प्रौद्योगिकी की दुनिया में निरंतर ख्याति प्राप्त करते हुए आगे बढ़ते गए अनुराग जी ने अपनी यात्रा बॉम्बे से शुरू की। वैसे कंपनी में बेस्ट पैकेज पाकर जॉब करने के लिए तो इस परिवार से जुड़े अनेक युवा सौरभ विदेश,कुमार गौरव देश तरुण थर्मल पावर , गौरव भाई, सुमित, अवंतिका राष्ट्रीय ,आकाश तो ऐसी नैवी की जॉब जिसमें प्रति माह नया नया देश बदल जाता है।
, मुदित दिव्या मोहित सीना आदि कइयों ने अपना जीवन आश्रम को ही समर्पित किया । उत्कर्ष का बहुत छोटी उम्र में कनाडा जाना,अदिति , दिव्या, सौरभ, नीरज गुंजन शिवम अमन सभी परिवार के सदस्य देश विदेश के लिए निकले ही थे। इसी पंक्ति में एक बेटी पल्लवी भी थी जिसने इलेक्ट्रिकल क्षेत्र में बड़ी लाइन खींचते हुए मेट्रो नागपुर में इंजीनियर बनी थी लेकिन पल्लवी कोरोना से पराजित होकर असमय चली गई। इसी प्रकार अनुराग की बड़ी बहन रश्मि लंबी बीमारी के कारण असमय विदा हुई।
इस परिवार में बड़े भाई उपरोक्त श्रृंखला के सितारे अनुराग जी के द्वारा आई टी सॉफ्टवेयर PAY USE कंपनी जिसके माध्यम से मानव संसाधन की गुणवत्ता को मापना ऐसे अदभुत कंपनी ही बना लेना और उसको बहुत ऊंचाई पर विश्व स्तर पर ले जाना ।
यह सपना यथार्थ में बदलकर दिखाया उन्हीं आदरणीय रमेश भाई और उर्मिला बहन जी (जो वर्तमान में सर्वोदय आश्रम हरदोई की अध्यक्ष और राष्ट्रीय सचिव हरिजन सेवक संघ के पद को सुशोभित कर रही हैं)के बेटे अनुराग श्रीवास्तव ने ।
उनके मित्र साईं किशन की टीम द्वारा अपनी कंपनी वर्क लाइन के वार्षिकोत्सव पुरुस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अनुराग श्रीवास्तव और डा आरती को कोलंबो लंका में अभी पिछले ही सप्ताह आमंत्रित किया गया। अनुराग जी ने अपने उद्बोधन से टीम को खूब आगे बढ़ने के टिप्स दिए। बाबा विनोबा जो कहा करते थे *एक्ट लोकली थिंक ग्लोबली* कहें या ग्रामस्वराज्य से जयजगत का सपना पूरा होता दिख रहा है।