नशे के सौदागरों पर DM बाराबंकी की लगाम ,राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग करेगा सम्मानित

 
Barabanki.DM Satyendra kumar Singh

बच्चों में नशे के खिलाफ मुहिम DM बाराबंकी होंगे सम्मानित 

एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान में जिला अव्वल, 27 जून को डीएम सत्येंद्र कुमार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग करेगा सम्मानित

-बाल अधिकार संरक्षण आयोग देश में एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान चलाकर नाबालिग बच्चों को नशीली दवाओं के सेवन से बचा रहा है। नशीली दवाओं के सेवन को रोकने के लिए डीएम सत्येंद्र कुमार ने प्रभावी कदम उठाया और उसका परिणाम रहा कि नशीली दावों के रोकथाम और जागरूकता के मामले में जिला पूरे देश में अव्वल रहा। डीएम की इस कार्य शैली से प्रभावित होकर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की सदस्य सचिव रूपाली बनर्जी ने पत्र भेज कर उनकी मेहनत को सराहा और 27 जून को दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में डीएम को सम्मानित व पुरस्कृत करने का निमंत्रण भेजा है।

-डीएम ने एक युद्ध नशे के विरूद्ध अभियान की कमान अपने हाथों में लेकर समाज कल्याण विभाग, माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग को जागरूकता अभियान की जिम्मेदारी सौंपी। मेडिकल स्टरों पर सख्ती के साथ नाबालिग बच्चों को नशीली दवाओं को देने पर प्रतिबंध लगाकर उसकी मानीटरिग कराई। जिले स्तर से लेकर तहसील स्तर तक सभी मेडिकल स्टोरों पर डीएम के निर्देश पर छापेमारी की गई। इस दौरान जो भी मेडिकल स्टोर बिना पर्चे के दवा देते हुए मिला उसको सीज कर दिया गया। जिला व तहसील मुख्यालयों में सार्वजनिक स्थानों व विद्यालयों में जन जागरूकता अभियान के माध्यम से छात्र-छात्राओं को नशीली दवाओं से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया गया।

यही नहीं डीएम के आदेश पर मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले अपराधियों पर भी शिकंजा कसा गया। डीएम सत्येंद्र कुमार ने नशीली दवाओं व मादक द्रव्यों की रोकथाम के लिए कठोर कदम उठाते हुए ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की। जिनकी वजह से नाबालिक बच्चे नशे के शिकार हो रहे थे। यही कारण है कि अभियान का असर जमीनी स्तर पर दिखाई  पड़ रहा है।

-जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि जिले में युवाओं और बच्चों को नसे की लत से बचाने के लिये एक महाअभियान चलाया जा रहा है। इसमें तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई भी की जा रही है। लोगों को जागरुक करने के लिये लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इन प्रयासों का असर साफ दिखा और जनपद को यह सम्मान मिला है।

एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान में जिला अव्वल, 27 जून को डीएम सत्येंद्र कुमार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग करेगा सम्मानित

-बाल अधिकार संरक्षण आयोग देश में एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान चलाकर नाबालिग बच्चों को नशीली दवाओं के सेवन से बचा रहा है। नशीली दवाओं के सेवन को रोकने के लिए डीएम सत्येंद्र कुमार ने प्रभावी कदम उठाया और उसका परिणाम रहा कि नशीली दावों के रोकथाम और जागरूकता के मामले में जिला पूरे देश में अव्वल रहा। डीएम की इस कार्य शैली से प्रभावित होकर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की सदस्य सचिव रूपाली बनर्जी ने पत्र भेज कर उनकी मेहनत को सराहा और 27 जून को दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में डीएम को सम्मानित व पुरस्कृत करने का निमंत्रण भेजा है।

-डीएम ने एक युद्ध नशे के विरूद्ध अभियान की कमान अपने हाथों में लेकर समाज कल्याण विभाग, माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग को जागरूकता अभियान की जिम्मेदारी सौंपी। मेडिकल स्टरों पर सख्ती के साथ नाबालिग बच्चों को नशीली दवाओं को देने पर प्रतिबंध लगाकर उसकी मानीटरिग कराई।

जिले स्तर से लेकर तहसील स्तर तक सभी मेडिकल स्टोरों पर डीएम के निर्देश पर छापेमारी की गई। इस दौरान जो भी मेडिकल स्टोर बिना पर्चे के दवा देते हुए मिला उसको सीज कर दिया गया।

जिला व तहसील मुख्यालयों में सार्वजनिक स्थानों व विद्यालयों में जन जागरूकता अभियान के माध्यम से छात्र-छात्राओं को नशीली दवाओं से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया गया। यही नहीं डीएम के आदेश पर मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले अपराधियों पर भी शिकंजा कसा गया।

डीएम सत्येंद्र कुमार ने नशीली दवाओं व मादक द्रव्यों की रोकथाम के लिए कठोर कदम उठाते हुए ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की। जिनकी वजह से नाबालिक बच्चे नशे के शिकार हो रहे थे। यही कारण है कि अभियान का असर जमीनी स्तर पर दिखाई  पड़ रहा है।

-जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि जिले में युवाओं और बच्चों को नसे की लत से बचाने के लिये एक महाअभियान चलाया जा रहा है। इसमें तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई भी की जा रही है। लोगों को जागरुक करने के लिये लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इन प्रयासों का असर साफ दिखा और जनपद को यह सम्मान मिला है।

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