गौ आधारित खेती किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प:- जिलाधिकारी

Gau adharit
 
देशी गाय के गोबर व गोमूत्र से खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ती है:- एम0पी0 सिंह
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय 
हरदोई। आज उपनिदेशक कृषि कार्यालय स्थित कृषक सभागार में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में कृषि सूचना तंत्र के सौंदर्यीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम वर्ष 2023-24 के अंतर्गत खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि किसान बन्धु खेती में नई तकनीकों को अपनाएं। खरीफ गोष्ठी में प्राप्त जानकारी से खरीफ की फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। रासायनिक उर्वरकों से उत्पादकता बढ़ी है लेकिन लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसलिए गौ आधारित खेती एक अच्छा विकल्प साबित हो रहा है। उन्होंने जीवामृत के प्रयोग पर जोर दिया और कहा कि उर्वरकों के लगातार प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है। जिलाधिकारी ने गौ आधारित खेती को अपनाने वाले सवायजपुर के किसान धर्मेन्द्र सिंह की सराहना की। कृषि वैज्ञानिको ने कहा कि अधिक आय प्राप्त करने के लिए कृषि में उद्यानिकी का समावेश करें। उन्होंने कहा कि जीवामृत का प्रयोग करें। जीवामृत में भरपूर मात्रा में सूक्ष्म जीवाणु होते हैं। यह पेड़ पौधों के लिए कच्चे पोषक तत्वों को पकाकर पौधों के लिए भोजन तैयार करते हैं। गोबर की खाद का अधिक से अधिक  प्रयोग करें। हमे उत्पादन लागत को कम करने के कदम उठाने चाहिए। गौ आधारित खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। देशी गाय के गोबर व गोमूत्र से खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। उपनिदेशक कृषि ने कहा कि जैविक खेती को जनपद में बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषकों को विभिन्न कृषि उपकरणों पर सब्सिडी दी जा रही है। किसान सम्मान निधि से आच्छादित जिन किसानों ने अब तक आधार सत्यापन नही कराया है वे जल्द करा लें। किसान भाई गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। पराली देकर गोशालाओं से खाद ले सकते हैं। इस अवसर पर संबंधित अधिकारी व बड़ी संख्या में किसान बन्धु उपस्थित रहे।

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