श्री कल्याणगिरि मंदिर में फूलों की होली खेलने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Kalyan giri mandir me fooln ki holi
 

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ डेस्क । श्री कल्याणगिरि मंदिर में आज फूलो की होली संपन्न हुई जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भजनों पर जमकर फूलो की होली खेली महिला पुरुष भक्तों ने नाचते गाते झूमते हुए फूलो से एक दूसरे पर डालकर होली मनाई।
रंगभरी एकादशी पर प्रकाश डालते हुए महंत महावीर गिरी जी ने बताया इस दिन बाबा विषंभरनाथ को दूल्हे की तरह सजाया जाता है।

क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती शादी के बाद पहली बार काशी आए थे। इसी खुशी में काशी में होली से पहले ही रंगों के साथ जश्न शुरू हो जाता है।

रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विषंभर नाथ जी को अच्छे से तैयार करके घुमाया जाता है। मान्यता है आशीर्वाद देने के लिए बाबा अपने भक्तों और श्रद्धालुओं के बीच जाते हैं। कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है और इसी दिन से काशी में होली की शुरुआत होती है। आपको बता दें काशी में हर साल बाबा विश्वनाथ का भव्य श्रृंगार रंगभरी एकादशी, दीवाली के बाद आने वाली अन्नकूट और महाशिवरात्रि पर किया जाता है।


  रंगभरी एकादशी से ही घरों में शुभ और मांगलिक कामों की शुरुआत हो जाती है। इसके अलावा जिन लोगों के घरों मृत्यु के कारण त्योहार रुके होते हैं। इस एकादशी से उन घरों में त्योहारों को उठाया जाता है।

रंगभरी एकादशी बाबा विषंभरनाथ की प्रमिता को अच्छे से सजाने और घुमाने के बाद इस दिन एक-दूसरे को गुलाल लगाया जाता है। शिव और पार्वती से जुड़े कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। खुशियों और रंगों के साथ यहां भक्त हर हर महादेव के जयकारे लगाने चाहिए।सुबह उठकर नहाएं और शिव-पार्वती की पूजा करें।

शिव-पार्वती की मूर्ति या तस्वीर पर गुलाल लगाएं।भगवान शिव को प्रिय चीज़ें जैसे बेलपत्र दूध, इत्र और भांग चढ़ाएं।
उक्त अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक अनुराग पांडेय संयोजक गोमती भाग गंगा समग्र अवध प्रांत समाज के प्रतिष्ठित नागरिक  जे पी मिश्रा, बब्बू अवस्थी, के के त्रिपाठी, उमेश पांडेय, पी एस तिवारी, गोपाल नारायण शुक्ला, यू बी सिंह, कृष्णा शर्मा, दिलीप पांडेय,विजय सिंह, अर्पित शुक्ला,संजय शुक्ल, शर्मिला पांडेय, हेमा पांडे, उमा अवस्थी सहित सैकडो की संख्या में श्रद्धालुओं ने होली खेली।

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