प्राकृतिक संसाधनों के समुचित उपयोग के साथ उनकी गुणवत्ता को बनाए रखने पर जोर दिया जाए

Academy of natural resources conversation
 ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। प्राकृतिक संसाधन संरक्षण एवं प्रबंधन अकादमी लखनऊ (अकादमी ऑफ नेचुरल रिसोर्सेज कंजर्वेशन एंड मैनेजमेंट) में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन भा. कृ.  अनु. प.-प्राकृतिक मत्स्य अनुवांशिकीय शोध ब्यूरो के डॉ एस एन द्विवेदी सेमिनार हॉल में किया गया।इस सम्मेलन का उद्घाटन डॉ आनंद कुमार सिंह ,कुलपति, चंद्रशेखर आजाद  कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ,कानपुर द्वारा किया गया।

उद्घाटन सत्र में डॉ सिंह ने कृषि के क्षेत्र में वैज्ञानिकों के शोध के कारण हुई प्रगति के विषय में बताते हुए कहा कि भारतीय कृषि ने अनाज उद्यानिकी मछली एवं मांस उत्पादन के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है परंतु दूसरी ओर अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों इत्यादि के अंधाधुंध उपयोग के कारण प्राकृतिक संसाधनों पर बुरा प्रभाव पड़ा है .

अतः आज इस बात की सबसे अधिक आवश्यकता है कि प्राकृतिक संसाधनों के समुचित उपयोग के साथ उनकी गुणवत्ता को बनाए रखने पर भी जोर दिया जाए। दो दिवसीय सम्मेलन में देश के विभिन्न प्रांतो से आए वैज्ञानिकों द्वारा कृषि में प्राकृतिक संसाधनों के समुचित उपयोग  के साथ कृषि में स्थिरता बनाए रखने पर विभिन्न तकनीकी सत्रों में चर्चा की गई। प्रथम दिवस के उद्घाटन सत्र के समापन पर डॉ यशपाल सिंह ,वरिष्ठ अध्यक्ष द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया ।

राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन दिनांक 9 दिसंबर 2023 को उत्तर प्रदेश  कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ संजय सिंह द्वारा किया गया।  समापन सत्र के अपने व्याख्यान में डॉ संजय सिंह ने वैज्ञानिकों से  आह्वान किया कि किसानों के व्यावहारिक लाभ को केंद्रित करते हुए वैज्ञानिक परियोजनाएं विकसित करें जिससे कि परियोजनाओं की उपलब्धियां का प्रत्यक्ष लाभ किसानों को प्राप्त हो सके जो देश के विकास में सहयोगी हो।

इस आयोजन के सचिव डॉ संजय अरोड़ा एवं अकादमी के अध्यक्ष डॉक्टर अतुल कुमार सिंह ने बताया कि इसका सम्मेलन का आयोजन विश्व मृदा दिवस के उपलक्ष में किया गया जोकि पूरे विश्व में 5 दिसंबर को मनाया जाता है।

अकादमी के संरक्षक डॉ दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न प्रांतो से आए वैज्ञानिकों एवं छात्रों को एक मंच देना था जिससे प्राकृतिक संसाधनों के समुचित उपयोग एवं संरक्षण के विषय में चर्चा कर नई जानकारियां एकत्रित की जा सके जिनका उपयोग प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं प्रबंधन में भविष्य में किया जा सके। समापन सत्र के अंत में डॉ टी .के. श्रीवास्तव उपाध्यक्ष द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

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