चतुर्थ वार्षिक बसंत समागम मनाया गया

Fourth Annual Basant Samagam Celebrated
Fourth Annual Basant Samagam Celebrated
लखनऊ श्री गुरु सिंह सभा, ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिंडोला, लखनऊ में चतुर्थ वार्षिक बसंत समागम अत्यंत श्रद्धा एवं सम्मान के साथ मनाया गया। यह समागम स्वर्गीय बलवंत सिंह मक्कड़ की स्मृति में सिमरन साधना परिवार द्वारा आयोजित किया गया था। सिमरन साधना परिवार के सदस्य, जो सभी युवा छात्र हैं, ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ-साथ पश्चिमी वाद्ययंत्रों पर गुरबानी कीर्तन का गायन  किया।

लवप्रीत कौर द्वारा नाम सिमरन और गुरकीरत कौर द्वारा "राखो सरनाई गुरु रामदास", दिवांशी दुआ द्वारा बसंत राग, अनूप सिंह द्वारा "नाम बिना कहां को तरया" और पूरे समूह द्वारा "इश्क मौला" शबद सुनकर अत्यंत भक्तिपूर्ण समूह शबद "जय जय कार" की प्रस्तुति से पूरी संगत मंत्रमुग्ध हो गई, जिसमें पूरी संगत ने पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी पर पुष्पांजलि अर्पित की।  गुरकीरत कौर, लवप्रीत कौर और दिवांशी दुआ ने की बोर्ड बजाया, जबकि वायलिन रत्नांगी पंडित ने बजाया।  

हरमीत सिंह, प्रभजोत सिंह और अनूप सिंह ने तबला बजाया।  सिमरन कौर, गुरप्रीत सिंह गांधी, सुखप्रीत कौर और स्मिति चंद ने हारमोनियम बजाया।  पूरे समागम का संचालन सिमरन साधना परिवार के संस्थापक श्री तरनजीत सिंह मक्कड़ और श्रीमती रमनजोत कौर मक्कड़ ने श्री सतपाल सिंह मीत के सक्रिय सहयोग से किया। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष स0 राजेंद्र सिंह बग्गा जी ने बच्चों को प्रेरणादायक शब्दों से प्रेरित किया और बच्चों को उपहार और मोमेंटो भेंट किये। गुरु का लंगर भी वितरित किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

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