नालों में भरा कचरा, फर्ज अदायगी तक सिमटी सफाई

Swachata abhiyan
 

समस्या:80 फीसदी नाले हो रहे ओवरफ्लो, बारिश में नगर के कई क्षेत्रों में जलभराव , आम जनमानस परेशान

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय 

 हरदोई।पिहानी कस्बे  के नालों में कचरा भरा है। इनकी सालाना सफाई फर्ज अदायगी तक सिमटी है। ऐसे में इस बार भी बारिश में जल भराव के चलते कई मुहल्ले टापू बन गये।तकरीबन सभी नाले अतिक्रमण की चपेट में हैं। आधुनिक जीवन शैली और प्लास्टिक के अधिक प्रयोग के चलते सारा कचरा नालों में डाला जाता है।  नगर के अस्सी प्रतिशत नाले-नालियां कचरा भरने से चोक पड़े हैं। नाले जाम होने के कारण अधिकांश गली-मोहल्लों में जलभराव की समस्या विकराल हो रही है, वहीं मुख्य मार्गों पर गंदा पानी भरने से आमजन का आवागमन प्रभावित है। इस संबंध में कांग्रेस की नगर कमेटी ने अधिशासी अधिकारी अमित कुमार सिंह को ज्ञापन देकर समस्या से निजात दिलाए जाने की मांग की है। साथ ही कबरिस्तान में हो रहे जल भराव को लेकर ,रोजा सदर जहाँ के पक्के तालाब को जाने बाले पानी के निकास खुलबाने व नाला निर्माण को शीघ्र कराये जाने के मांग की है।कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष अकील_खान,कांग्रेस नगर अध्यक्ष नईम_खान, नगर प्रभारी उस्मान_खान,युवा नगर अध्यक्ष युसुस_गाजी, युवा नगर महामंत्री अयान_अख्तर,युवा नगर महासचिव दानिस_खान, गुफरान खान ने  ईओ अमित कुमार सिंह को ज्ञापन दिया।

नालों के किनारों पर अतिक्रमण है। बस स्टैंड, पिहानी जहानी खेड़ा रोड में नालों पर पक्के भवन बने हैं। स्थिति यह है कि दोनों किनारों पर इमारतें होने से न तो मशीन न सफाई कर्मी पहुंच सकते हैं। ऐसे में नाले चोक हैं। पानी का बहाव न होने से सामान्य बारिश में भी जलभराव की समस्या बन जाती है।


पालीथिन, डिस्पोजल गिलास और फाइबर प्लेटों की बिक्री पर प्रतिबंध है। इसका यहां अनुपालन नहीं हो रहा है। इन सामग्रियों का इस्तेमाल कर नाले-नालियों में फेंक दिया जाता है। इस कारण पानी का निकास अवरुद्ध हो जाता है। वहीं, अतिक्रमणकारियों को नोटिस थमाकर प्रशासन खानापूरी तक सीमित है। दूसरी तरफ लोग भी जागरूक नहीं हो रहे हैं। चाट पकौड़ी की दुकान हो, या अन्य ,टिक्की खाकर दोना सड़क पर ही फेंक देते हैं। शासन प्रशासन ने कई बार बैठक कर आम जनमानस को पॉलिथीन डिस्पोजल फाइबर के लिए जागरूक किया, परंतु नतीजा शून्य रहा।

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