महर्षि दयानंद ने सनातन धर्म को नई दिशा दी: आचार्य पवन आर्या 

Sanatan dharm
 

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

रुड़की,हरिद्वार। सुभाषगंज, बीटी गंज आर्य समाज के प्रांगण में महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती के  निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में यज्ञ, भजन, प्रवचन तथा वैदिक पुस्तकों का अध्ययन का आयोजन किया गया।
ब्रह्मचारी दीपक आर्य ने पुरोहित रह यज्ञ का आयोजन किया।
यज्ञ के दौरान आलोक द्विवेदी, हर्षित द्विवेदी तथा राघवेंद्र नाथ त्रिपाठी ने यजमान की भूमिका निभाई।
यज्ञ के दौरान प्रधान भीष्म गिरी गोस्वामी, राजकुमार अनेजा, सतीश आर्य, मंत्री चौधरी सतपाल, ममता आर्य, नरेश डॉ. आलोक कुमार , गीता आर्य, राजेंद्र सेवक आदि भक्तों ने उपस्थित होकर यज्ञ की महिमा का लाभ उठाया।
इसके उपरांत ब्रह्मचारी दीपक आर्य  के भजन से उपस्थित भक्तजन झूम उठे।
अपने प्रवचन में आचार्य पवन आर्य ने अपने संदेश में महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी को सनातन धर्म को नई दिशा प्रदान करने वाला बताया। उन्होंने कहा महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने स्त्रियों की शिक्षा के लिए समाज की कुरीतियों को दूर करने तथा व्याप्त अंधविश्वास को दूर करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इसके अलावा वेद 

को पूना संग्रहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके द्वारा रचित सत्यार्थ प्रकाश आज भी सनातन धर्म में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
अंत में प्रधान भीष्म गिरी गोस्वामी, मंत्री चौधरी सतपाल सिंह, राजकुमार अनेजा, सतीश आर्य, विजय कुमार वर्मा ने उपस्थित भक्त जनों का आभार प्रकट किया तथा भजनों उपदेश ब्रह्मचारी दीपक आर्य  तथा आचार्य पवन आर्य का अंग वस्त्र भेंटकर  स्वागत किया।

Share this story