वृद्धाआश्रम में अव्यवस्थाओं का बोलबाला रह रहे लोगों को गुणवत्ता परक नहीं मिल रही खाद्य सामग्री ,सारे अभिलेख आधे अधूरे-- डॉ पल्लवी अग्रवाल
गोण्डा । जनपद मुख्यालय पर बादशाह बाग के समीप चल रहे वृद्धा आश्रम में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है । वहां पर रह रहे बुजुर्गों को मानक के अनुसार ना तो भोजन की व्यवस्था मुहैया कराई जा रही है ना ही वहां के रिकॉर्ड रजिस्टर ही कंप्लीट नजर आते हैं । यही नहीं वृद्धाश्रम में सहारे की तलाश में पहुंचने वाले बुजुर्गों को ठंडक में सितम झेलना पड़ रहा है। यहां बचाव के कोई अच्छे इंतजाम नहीं मिले है । मंगलवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट के त्रिस्तरीय कमेटी द्वारा औचक निरीक्षण में यह हकीकत सामने आई है ।

जनपद मुख्यालय पर कार्यदायी संस्था न्याय मिशन सेवा समिति गोंडा द्वारा वृद्धाश्रम संचालित है। इसके संचालन के लिए शासन द्वारा नाश्ता, खाना के साथ बिजली, टेलीफोन, जेनरेटर, रखरखाव पर भी पर्याप्त मात्रा में धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। मंगलवार को कृष्ण प्रताप सिंह
अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन व डॉक्टर पल्लवी अग्रवाल अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश (ई 0 सी 0 एक्ट) एंव सुश्री सुषमा द्वितीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा
इसका औचक निरीक्षण किया। आश्रम का संचालन मानकों के अनुसार नहीं होता मिला। निरीक्षण के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ पल्लवी अग्रवाल ने बतलाया की यहां का शौचालय काफी गंदा मिला । रसोई भी अस्त व्यस्त थी। आरओ सिस्टम खराब मिला। वहां पर रह रहे बुजुर्गों के 1 जनवरी 2023 से चले जाने के बाद रजिस्टर पर केवल अनुपस्थिति दर्ज मिली उनके बारे में पूछने पर कोई संतोषजनक उत्तर वहां मौजूद लोगों के द्वारा नहीं दिया जा सका कि वह लोग इस समय कहां है और कब तक वापस आएंगे। वृद्धा आश्रम के बुजुर्गों में शांति प्रसाद द्वितीय , मंगली प्रसाद, जगदीश मिश्रा, विनोद श्रीवास्तव , देवनारायण, गुरुप्रसाद रामकुमार सिंह शिव बहादुर, सोनेलाल व राजपति वृद्ध आश्रम में अनुपस्थित मिले । वृद्धा आश्रम के समस्त रजिस्टर आधे अधूरे इनकंप्लीट मिले। यहां का कंप्यूटर काफी दिनों से वह उस पर काफी धूल जमा हुआ देखा गया । वृद्ध आश्रम का कार्यालय भी बहुत गंदा वह अवस्थित पाया गया । शिक्षण के दौरान यहां का कोई भी जिम्मेदार पदाधिकारी मौजूद नहीं था । यहां के मौजूद एक स्टाफ से यह जानकारी लेने पर कि जब यहां पर बुजुर्ग चले जाते हैं तो उन पर खर्च होने वाला भोजन कहां जाता है इसका संतोषजनक उत्तर वह नहीं दे सके इससे यही आभास होता है कि संबंधित संस्था द्वारा वृद्धाआश्रम संचालन के नाम पर लूट मचा रखी गई है और उन पर खर्च होने वाली धनराशि समुचित रूप से रह रहे उन बुजुर्गों पर नहीं खर्च होती हैं । वहां उपस्थित कर्मचारियों द्वारा वृद्धा आश्रम संचालन से संबंधित कोई कंप्लीट अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए। डॉ अग्रवाल ने बताया कि इस संबंध में संबंधित लोगों को पत्र लिखकर मानकों की अनदेखी में दोषी, लापरवाह के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी । उन्होंने बताया कि हम लोगों के द्वारा प्रत्येक मास औचक निरीक्षण किया जाता है फिर भी कार्यदाई संस्था अपने में सुधार लाने का नाम नहीं ले रही है । निरीक्षण के दौरान एक बुजुर्ग ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हम लोगों को बहुत घटिया किस्म का दूध पिया जा रहा है जिसमें ना तो शक्कर की मात्रा रहती हैं ना ही पर्याप्त दूध का इससे अच्छा तो यही होगा कि संबंधित संस्था द्वारा हम लोगों को दूध देना बंद कर दिया जाए । वृद्धाश्रम संचालन कर रहे कार्यदाई संस्था के भंडार प्रभारी योगेश प्रताप सिंह से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि देख शहर के दौरान पाई गई कमियां सही है संस्था द्वारा सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा ।
