विनोबा विचार प्रवाह के सूत्रधार रमेश भैया को राजभवन लखनऊ से पुस्तकों का प्रसाद मिला 

अच्छी पुस्तकें  समाज की सबसे मूल्यवान धरोहर हैं: रमेश भैया 

ramesh bhaiya
 


ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। विनोबा विचार प्रवाह के सूत्रधार रमेश भैया ने कहा कि विनोबा जी के जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन पुस्तकालय से ही आया था। क्योंकि वे जब काशी में इस दृष्टि से अपने एक साथी के साथ पहुंचे थे कि यहां से बंगाल की क्रांति या हिमालय की शांति का चुनाव करके जाने में आसानी होगी।लेकिन जिस लेकिन जिस पुस्तकालय में वे  कुछ समय के लिए पुस्तकें पढ़ने जाते थे ।वहां उन्हें एक अखबार मिला और उसमें उन्हें वह भाषण पढ़ने को मिला जो गांधी जी ने काशी हिंदू विश्विद्यालय के उद्घाटन समारोह पर दिया था।उसको पढ़कर विनोबा जी को करेंट लग गया कि यह कोई अदभुत व्यक्ति है। और सत्याग्रह आश्रम अहमदाबाद के लिए पत्र लिखा ।

उसी पत्र व्यवहार का परिणाम गांधी   जी के आश्रम विनोबा पहुंचे। पुस्तकालय छोटा हो या बड़ा , उसकी गुणवत्ता वहां पर उपलब्ध पुस्तकों से होती है। विनोबा सेवा आश्रम प्रारंभ से ही सर्वोदय की पुस्तकों का संग्रह कर एक पुस्तकालय का संचालन कर रहा है।उसका शुभारंभ वर्ष 2011 सितंबर में श्रीमती मीनल बजाज सचिव जमना लाल बजाज फाउंडेशन बॉम्बे ने अपने भ्रमण के दौरान किया था ।  कल इस आश्रम के लघु पुस्तकालय के लिए राजभवन से पुस्तकों का प्रसाद आदरणीय पंकज जानी जी पूर्व कुलपति अहमदाबाद वर्तमान विशेष  मार्गदर्शक उच्च शिक्षा राजभवन लखनऊ के करकमलों द्वारा श्री अशोक देसाई विशेष कार्याधिकारी माननीय राज्यपाल के आशीर्वाद से प्राप्त होना बहुत गौरव की अनुभूति हुई।
 विनोबा विचार प्रवाह परिवार बहुत बहुत आभार व्यक्त करता है।

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