सिद्धार्थ विश्वविद्यालय की बड़ी लापरवाही हुई उजागर, अंकपत्र पर लिखा मिला कांग्रेस 

Siddharthnagar university

 एबीवीपी के प्रदर्शन के बाद जागा प्रशासन, छात्रों के लिए खोली एडमिशन की राह

बलरामपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बलरामपुर तथा सिद्धार्थनगर के प्रतिनिधि मंडल ने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव को परीक्षा परिणाम में भरी गड़बडी को लेकर सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु में ज्ञापन सौंप 48 घंटे में सुधार की मांग की थी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बलरामपुर व सिद्धार्थनगर के प्रतिनिधि मंडल ने स्नातक परीक्षा परिणाम में भारी गड़बड़ी को लेकर सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव एवं कुलसचिव प्रोफेसर अमरेंद्र प्रताप सिंह को ज्ञापन सौंपा था।

उनका कहना था कि स्नातक परीक्षा के जो परिणाम विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालय का कंप्यूटर पर अपलोड हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में छात्रों के रिजल्ट में इनकंप्लीट (आईएनसी) व कांग्रेस लिखकर आ रहा है। साथ में कई छात्रों का रिजल्ट दिख नहीं रहा है। इसमें महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के छात्र परेशान हैं। इसके लिए छात्र विश्वविद्यालय को दोषी ठहरा रहे हैं।

अभी एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है, छात्रों को लग रहा है कि उनका एडमिशन नहीं हो पाएगा उनका भविष्य अंधकार में है।


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बलरामपुर तथा सिद्धार्थनगर के ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय द्वारा छात्र हित में फैसला लेते हुए परिणाम को संशोधित करते हुए सभी के लिए एडमिशन खोल दिया गया तथा विश्वविद्यालय की तरफ से एक नोटिस जारी करके इसकी सूचना दी गई।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अभिषेक सिंह ने कहा विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणाम में अनियमितता अशोभनीय है, कहीं ना कहीं विश्वविद्यालय की गरिमा को गिराने का काम कर रहा है समस्या का तत्काल समाधान किया जाए नहीं तो विश्वविद्यालय के खिलाफ विद्यार्थी परिषद धरना प्रदर्शन करने के बाद जो होगी बाध्य होगी।
जिला संगठन मंत्री हिमांशु मिश्रा ने कहा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय बलरामपुर जिले के छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था इसका संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने हम ने मांग रखी जिसको विश्वविद्यालय ने मान लिया है।

ज्ञापन देने में विभाग संगठन मंत्री सिद्धार्थनगर विभाग धीरेंद्र, जिला संयोजक अंबुज भार्गव, तहसील संयोजक हिमांशु सिंह, प्रियांशु त्रिपाठी आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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