विनोबा सेवा आश्रम के संरक्षक एवं गंगा मां के वरदपुत्र संपूर्ण गंगा पदयात्री स्वामी रघुनंदन दास ब्रम्हचारी जी आज स्वर्गलोक सिधार गए

स्वामी रघुनंद दस ब्रम्हचारी

 देश से दूर दूर से पहुंचे अंतिम दर्शन हेतु भक्तगण

पांचाल घाट फर्रुखाबाद के पावन तट पर कल होगा देश भर के भक्तों की उपस्थिति में स्वामी जी का अंतिम संस्कार  

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

 फर्रुखाबाद। स्वामी जी का  प्रथम दर्शन मुझे युवा संन्यासी के रूप में हुए थे। वह हनुमान जी के परम भक्त थे।अपने घर से माता पिता को छोड़कर 16 वर्ष की उम्र में जलालाबाद के  गांव हरसीपुर के महाराज जी  के शिष्य हो गए।महाराज जी ने कहा कि  मेरी एक इच्छा रह गई कि हम गंगां मां की संपूर्ण पदयात्रा नहीं कर सके  स्वामी जी को एक दिन स्वप्न हुआ कि तुम्हारा निवास गंगा तट पर ही होना है।तभी स्वामी जी को याद आया कि हमें तो पैदल यात्रा करनी है अकेले स्वामी जी की यात्रा गुरु पूर्णिमा वर्ष 1973  के दिन गंगा घाट से शुरू हुई ।

स्वामी रघुनंद दस ब्रम्हचारी

यात्रा गंगा के किनारे किनारे बंगाल होते हुए  ठीक एक साल के बाद पूर्णिमा के दिन सभी लोगों को स्वामी जी वहीं जहां से विदा किया था।उसी स्थान पर मिले ।खूब स्वागत सत्कार हुआ।  वह माता जी जिनके यहां स्वामी जी गंगा स्नान करके कुछ देर रुका करते थे।वह मां बोली कि बेटा आप हमारे आश्रम क्या एक छोटा मकान था उसमें ही अब रहो।

उसी का नाम संकट मोचन आश्रम रखकर वहां शुरुआत हो गई।वही सुंदर आश्रम हो गया।स्वामी जी वहां लगभग पांच दशक से हैं।।इधर कुछ दिन से स्वामी जी कुछ अस्वस्थ चल रहे हैं।उन्हें डाक्टरों ने पारकिंसन बीमारी बताई है।जिसका वर्ष 2018 में इलाज रायपुर छत्तीसगढ़ में इंद्रा गंगवार और अशोक गंगवार ने कराया जिसका लाभ भी हुआ । दुबारा में यहां शाहजहांपुर के श्री श्रीकृष्ण पाठक और राम प्रताप दीक्षित बरेली से कराए।अभी फिर कष्ट बढ़ा है।           

अभी गुरुपूर्णिमा के पर्व पर उनका दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त हुआ था।  लखनऊ के डा रूपेश कुमार ने तो मेडिकल कालेज के डा एस सी तिवारी जी से समय भी निश्चित करा दिया। लेकिन उनके भतीजे श्री बबलू जी ने कहा कि अभी यहीं रहने दो हम सेवा करके ठीक कर लेंगे। श्री राम प्रताप दीक्षित के कहने और दुबारा 26 तारीख का समय लिया गया। लेकिन जिन्होंने अपनी आध्यात्मिक तपस्या के बल पर हजारों लोगों की बहुत गंभीर समस्याओं को दूर किया।

लेकिन हम अनेक उनके भक्त उन्हें बचाने में असफल रहे और आज उन्होंने गंगा के घाट पर  अंतिम सांस ली ।  मेरा और विमला बहन अनेक लोगों के साथ सेवाधाम आश्रम उज्जैन में हैं।जहां कल से देश भर का नंदिनी लोकमित्र राष्ट्रीय सम्मेलन मेरे द्वारा आयोजित किया गया है। जिसके कारण अंतिम दर्शन से भी वंचित रहना पड़ रहा है। स्वामी जी ने विनोबा सेवा आश्रम परिवार को भी बहुत आशीर्वादित किया है। आश्रम परिवार के मुदित कुमार के साथ कई लोग घटिया घाट आश्रम पहुंच रहे हैं। आश्रम में सभी गतिविधियों में आज शोक सभा रखी गई है।

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