भारत जलाने वाले नौजवानों शहीद उधम सिंह जी से लो प्रेरणा अपने राष्ट्र के प्रति :खोसला

Shahid udham singh
 

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। भीम ब्रिगेड ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय सैनिक संस्था एनसीआर के संयोजक राजीव जोली खोसला ने आज अमर शहीद उधम सिंह जी को दी श्रद्धांजलि और कहा कि राष्ट्र जलाने वाले नौजवानों शहीद उधम सिंह जी से लो प्रेरणा किस प्रकार अपनी जान कुर्बान की! साल 1919 में पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग नरसंहार की वजह से बहुत सारे क्रांतिकारी ने क्रांति का रास्ता अपनाया था. इस सूची में सबसे शीर्ष पर शहीद उधम सिंह का नाम आता है. जिनके दिल पर घटना का ऐसा असर हुआ कि उन्होंने बाग में गोलियां चलाने वाले अंग्रेज ब्रिगेडियर जनरल डायर को मारने का प्रण लिया और 21 साल बाद उन्हें जब मौका मिला तो जनरल डायर को खुली छूट और शह देने वाले लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ डायर को मार कर अपना बदला पूरा किया. 31 जुलाई के दिन ही शहीद उधम सिंह को फांसी की सजा दी गई थी. मामले की सुनवाई के दौरान उनका बयान 46 साल बाद सार्वजनिक हो सका था.
21 साल के बाद ले सके बदला
उधम सिंह ने अपने साथी क्रांतिकारी साथियों के साथ मिलकर जनरल डायर को मारने का पूरा प्लान बनाया. वह अलग-अलग नाम और भेश में अफ्रीका, नैरोबी, ब्राजील और अमेरिका जैसे देश घूम घूमकर सही मौके का इंतजार करते रहे. घूमते हुए वे 1934 में लंदन पहुंच गए . लेकिन उन्हें 13 मार्च, 1940 को लंदन के कॉक्सटन हॉल में रॉयल सेंट्रल एशियन सोसायटी की बैठक लेफ्टिनेंट गवर्नर जनरल माइकल ओ डायर को मारने का मौका मिला जहां किताब में छुपी रिवॉल्वर ने उस पर गोलियां चला कर मार डाला और बिना भागे खुद को गिरफ्तार होने दिया.
क्यों की हत्या के सवाल पर
सुनवाई के दौरान जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ये हत्या क्यों की, इस पर उधम सिंह ने कहा, “ मैंने यह इसलिए किया क्योंकि मैं बदला लेना चाहते था और माइकल ओ डायर इसका हकदार था. वही वास्तविक अपराधी था जो मेरे लोगों की भावनाओं को कुचलना चाहता था. इसीलिए मैंने ही उसे कुचल दिया. पिछले 25 सालों से मैं बदलना लेने की कोशिश कर रहा था. मैं खुश हूं क्योंकि मैं इसमें सफल रहा, मैं मौत से नहीं डरता,  मैं अपने देश के लिए मर रहा हूं.  मैं अंग्रेजी हुकूमत में भारत के लोगों को भूखों मरते देखा है, मैने इसका विरोध किया और यह मेरा कर्तव्य था.” और आज बहकावे में आकर  कुछ नौजवान तबका भारत को जलाने में व महिलाओं की आबरू लूटने में लगा है आजादी से पहले गरम दल क्रांतिकारी वीरों की भावनाओं को पढ़ो किस प्रकार आजादी मिली फिरंगीयों को अपनी दहशत से भागने के लिए मजबूर किया।

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