दीपांकर श्रीज्ञान के असमय निधन होने से न केवल झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की क्षति हुई बल्कि गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट को भी बड़ी हानि हुई

Dipankar
 

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। प्रख्यात गांधीवादी तथा गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक दीपांकर श्रीज्ञान का शनिवार की सुबह दिल्ली के स्थानीय अस्पताल में निधन हो गया। जिसकी सूचना सोशल एक्टिविस्ट रिजवान रजा ने दूरभाष पर दी। वह वर्तमान में झारखंड सरकार में प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी रहे और दिल्ली के बसंत विहार स्थित झारखंड भवन में कार्यरत थे। जिनके असमायिक निधन पर शनिवार को गांधी भवन में शोकसभा आयोजित की गई। इस मौके पर गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने बताया कि दीपांकर श्रीज्ञान बहुत ही सरल, सहज, विनम्र और समर्पित अधिकारी थे। जिनकी महात्मा गांधी के प्रति गहरी आस्था थी। उन्होंने गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति में निदेशक रहते हुए महात्मा गांधी की विचारधारा और उनके रचनात्मक कार्यों को बहुत आगे तक बढ़ाया। उन्होंने स्वदेशी और खादी को बढ़ावा देते हुए कई संस्थाओं को सबल किया। दीपांकर श्रीज्ञान का गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट की गतिविधियों से बेहद जुड़ाव था। वह हमेशा ट्रस्ट के रचनात्मक कार्यों को प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने गांधी आश्रम की शताब्दी पर प्रकाशित स्मारिका 'खादी का महात्मा' को बहुत सराहा। जो स्मारिका वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी डॉ जी.जी पारिख को समर्पित की गई थी। दीपांकर श्रीज्ञान के असमय निधन होने से न केवल झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की क्षति हुई बल्कि गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट को भी बड़ी हानि हुई। ईश्वर उनके परिजनों को इस अपार दुख के क्षण में शक्ति दे एवं दिवंगत की आत्मा को शांति प्रदान करें। इस मौके पर समाजवेवी रिजवान रजा, विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, सत्यवान वर्मा, पाटेश्वरी प्रसाद, बलराम यादव, मो इखलाक, तौफीक अहमद, राकेश शर्मा, जलाल नईम खान, साकेत संत मौर्य, अजीज अहमद अज्जू, राजेश कुमार यादव, अशोक जायसवाल आदि लोग मौजूद रहे।

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