भारत हस्तशिल्प महोत्सव 2024 में आज का दिन संपूर्ण भारतीय नहीं अपितु पूरे विश्व के इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा

भारत हस्तशिल्प महोत्सव
 भारत हस्तशिल्प महोत्सव


पवित्र अयोध्या धाम में 500 से ज्यादा वर्षों की प्रतीक्षा के बाद भगवान राम अपने घर पधारे हैं जिसकी साक्षी बनी है पूरी दुनिया

 हर कोने से सिर्फ एक ही नारा है जय श्री राम, जय श्री राम

 हर राम भक्त अपने आप को इस क्षण में पूरी तरह डुबाना चाहता है

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। काशीराम स्मृति उपवन, आशियाना, लखनऊ में चल रहे तीसरे भारत हस्तशिल्प महोत्सव 2024 में अनेकों अनेक कार्यक्रम पूरे दिन अनवरत जारी रहे और शाम की सांस्कृतिक बेला में पूरा मंच भगवान राम को समर्पित रहा। प्राण प्रतिष्ठा के समय प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के सभी स्टाफ मेंबर लाइव टेलीकास्ट देखते हुए भाव विभोर हुए। महोत्सव में अपना स्टॉल लगाने आए अर्जुन भाई ने अपने स्टॉल का उद्घाटन संस्था के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह के करकमलों द्वारा कराया। इस अवसर पर अर्जुन भाई ने महोत्सव में विशाल भंडारे का आयोजन किया। उपाध्यक्ष एन बी सिंह के साथ इस अवसर पर सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

भारत हस्तशिल्प महोत्सव

भारत हस्तशिल्प महोत्सव की संध्या बेला में की भव्य दीप उत्सव का आयोजन हुआ और भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की आरती के उपरांत लोक सांस्कृतिक शोध संस्थान एवं संगीत भवन के कलाकारों ने सम्पूर्ण रामकथा को नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रदर्शित किया। सभी मिल मंगल गावो रे अवध में राम आये हैं की टेक पर अलग अलग दृश्यों में रामकथा के प्रसंगों की मनमोहक प्रस्तुति हुई। साथ ही पुणे से आई भवतारिणी सुन्दरम द्वारा रचित मेढक और राम से जुड़ी लोककथा के मनोहारी भाव भी नृत्य नाटिका के माध्यम से मंच पर उतरे। इन कलाकारों ने भाग लिया: निवेदिता, सौम्या, शिल्पी, सुमन, नेहा, किंजल, अथर्व श्रीवास्तव और नव्या दवे।

इसी कड़ी में डॉक्टर लालजी मौर्य, लोक गायक के नेतृत्व में भागवान राम पर भोजपुरी कला की सुंदरता को बिखेरते हुए भजन एवम आरती की सुंदर प्रस्तुति दी गई। प्रमुख भजनों में ‘आरती होला कपूर्वा हो’, ‘राम जी के भईल भजनवा हो’, ‘बधाइयां बजे अयोध्या हो’। प्रमुख कलाकार रहे: डॉक्टर लालजी मौर्य, आजाद खान, मनीराम, राजेंद्र प्रसाद, सुखदेव, शिव कुमार और स्नेहा विश्वकर्मा।

भारत हस्तशिल्प महोत्सव में भजन संध्या सुरों की सरताज सीमा विरमानी के नेतृत्व में ‘मेरी झोपड़ी के भाग’, डॉक्टर विश्वास वर्मा के द्वारा ‘बोल पिंजरे का तोता राम रे’, रमन श्रीवास्तव द्वारा ‘सजा दो घर को गुलशन सा ’, श्वेता दीक्षित का ‘राम आए हैं ’ और सत्यम सिंह द्वारा ‘जग में सुंदर हैं दो नाम’। तबला वादक मनोज मेहता रहे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में विशेष रूप से रामायण कथा एवम हनुमान चालीसा का पाठ प्रद्युमन शुक्ला और वेदांश शुल्क द्वारा बहुत ही मनमोहक अंदाज में प्रस्तुत किया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रिया पाल, सीमा गुप्ता, पवन पाल, सरताज सहित सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अरविंद सक्सेना ने किया।

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