इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व कब मनाया जाएगा? जाने:- डॉक्टर वैभव अवस्थी (ज्योतिष परामर्शदाता)

Rakshabandhan parv kaise manaya jata hai
 रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस पर्व पर बहने अपने भाइयों को राखी बनती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहन को प्रेम एवं सुरक्षा का विश्वास दिलाते हैं।

रक्षाबंधन का पर्व भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन को लेकर काफी मतभेद उत्पन्न हो रहे है क्योंकि पूर्णिमा तिथि दो दिन लग रही है। इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त एवं 31 अगस्त को रहेगी।पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 30 अगस्त को दिन में 1O:14 से होगा एवं इस तिथि का समापन 31 अगस्त को प्रातः 7:46 पर हो जाएगा। 30 अगस्त को रात्रि 8:57 तक भद्रा का साया है। भद्रा में रक्षाबंधन अर्थात राखी बांधना निषेध माना गया है। एक कहावत के अनुसार शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा के समय राखी बांधी थी। जिसके फल स्वरुप रावण का सब कुछ समाप्त हो गया था।इसीलिए भद्रा में राखी बांधने का निषेध है।


राखी बांधने का पुनीत समय 30 अगस्त बुधवार को भद्रा समाप्ति के पश्चात रात्रि 8:57 से अगले दिन 31 अगस्त गुरुवार को उदया तिथि पूर्णिमा पर्यंत प्रातः 7:46 बजे तक रहेगा।उदया तिथि को मानने वाले विप्रजन 31 अगस्त को किसी भी समय राखी बांध सकते हैं।


डॉ वैभव अवस्थी 
ज्योतिष परामर्शदाता 
उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान से सम्मानित एवं वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर 

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