स्त्री शक्ति को जाग्रत कर राष्ट्र के उत्थान में  उनका योगदान लेना  महिला संविधान संशोधन उसी दिशा में एक सराहनीय कदम है  :रमेश भईया 

Ramesh bhaiya
 


ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

   लखनऊ। विनोबा विचार प्रवाह के  सूत्रधार एवं राष्ट्रीय मानवता पुरुस्कार से सम्मानित रमेश भइया ने बताया कि इस समय देश भर में नंदिनी लोकमित्र शिविरों के आयोजन से एक गांधी विनोबा विचार का वातावरण बन रहा है। महिला शब्द की गरिमा से समाज परिचित हो तभी महिला यानी महान बनकर समाज को दिशा दे सकेगी।              राष्ट्रीय युवा योजना के राष्ट्रीय सलाहकार श्री अजय कुमार पांडे ने कहा कि विनोबा जी की जयंती ११ सितम्बर 2023 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने बाबा विनोबा को उनके अच्छे काम बताते हुए याद किया। विनोबा जी ने अंकों में 11 और पहाड़ों में o9 को अत्यंत शुभ बताया है।बाबा के पसंदीदा अंक ९ और ११ जिनसे समाज अवगत है।  स्त्री शक्ति ,नारीशक्ति एवं महिला सशक्तिकरण पर भी बाबा विनोबा के विचार जगजाहिर हैं।
     प्रधानमंत्री मोदी जी ने ११ सितम्बर को बाबा विनोबा को याद किया।  आज संसद में  १२८ वां (यानी योग ११ ) संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया गया और संविधान संशोधन विधेयक महिला सशक्तिकरण के संदर्भ में  महत्वपूर्ण कदम है। बाबा विनोबा कहा करते थे कि कुछ चीजें व्यक्ति प्रवाह से होती हैं और कुछ काल प्रवाह या समाज प्रवाह से होते हैं।बाबा विनोबा की ऋषि वाणी के अनुसार आगे आने वाला युग अहिंसा का होगा। विनोबा विचार प्रवाह के माध्यम से 2500 से ज्यादा लोग जो प्रवाह से जुड़े हुए हैं।जिनके पास सुबह सुबह प्रवाह निरंतर  पहुंचता है। अहिंसा की प्रतिमूर्ति महिला को अहिंसक युग के नेतृत्व के लिए तैयार होना होगा। नंदिनी शिविर उसमें कुछ योगदान कर पा रहे हैं। अभी आगे आयोजित होने वाले शिविरों की श्रंखला में हरिजन सेवक संघ गांधी आश्रम दिल्ली 24 से 26 सितंबर, श्री रासबिहारी मिशन समस्तीपुर बिहार 29 से 31 अक्तूबर, मित्र मिलन पवनार 15 से 17 नवंबर , 22 से 24 दिसंबर विसर्जन आश्रम इंदौर , जनवरी धुले आश्रम, फरवरी माता रुक्मिणी सेवा संस्थान बस्तर और 3 मार्च से 5 मार्च मैत्री आश्रम लखीमपुर आसाम में आयोजित होने के बाद सभी चयनित नंदिनी परिवार ब्रम्हविद्या मंदिर पवनार में स्थापना दिवस 25 मार्च को एकत्रित होगा। देश भर की गांधी विनोबा विचार से जुड़ी संस्थाएं नंदिनी परिवार का सुंदर आतिथ्य और स्नेहमय व्यवहार करता देख अतीव प्रसन्नता हो रही है। समाज में बाबा विनोबा के विचार के प्रति एक अद्भुत श्रद्धा दिखाई पड़ना शुभ संकेत ही कहा जा सकता है।

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