चीन के विकास के अनुभव से सीखने की उम्मीद करता है नेपाल : गणेश तिमिलसीना

बीजिंग, 21 जून (आईएएनएस)। आजकल नेपाली संघीय परिषद के अध्यक्ष गणेश प्रसाद तिमिलसीना चीन के दौरे पर हैं। हाल ही में उन्होंने चाइना मीडिया ग्रुप के संवाददाता को दिए एक इन्टरव्यू में कहा कि चीन आधुनिकीकरण के अपने अनोखे तरीके से आगे बढ़ रहा है। चीन का विकास पथ और विकास मॉडल नेपाल के लिए संदर्भ प्रदान करता है, और नेपाल चीन के अनुभव से और अधिक प्रेरणा लेने की उम्मीद करता है।
चीन के विकास के अनुभव से सीखने की उम्मीद करता है नेपाल : गणेश तिमिलसीना
बीजिंग, 21 जून (आईएएनएस)। आजकल नेपाली संघीय परिषद के अध्यक्ष गणेश प्रसाद तिमिलसीना चीन के दौरे पर हैं। हाल ही में उन्होंने चाइना मीडिया ग्रुप के संवाददाता को दिए एक इन्टरव्यू में कहा कि चीन आधुनिकीकरण के अपने अनोखे तरीके से आगे बढ़ रहा है। चीन का विकास पथ और विकास मॉडल नेपाल के लिए संदर्भ प्रदान करता है, और नेपाल चीन के अनुभव से और अधिक प्रेरणा लेने की उम्मीद करता है।

चीन की यात्रा के दौरान, तिमिलसीना और अपने साथियों के साथ पेइचिंग और शांगहाई में कई नवीन कंपनियों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि उन्हें चीन के हाई-टेक विकास को देखकर काफी हैरानी हुई है, और चीन के विकास और प्रगति कल्पना से कहीं अधिक उन्नत हैं। नेपाल कानून निर्माण में सुधार करने और विदेशी निवेश आकर्षित करने के तरीके से चीन की उन्नत तकनीक का आयात करना चाहता है।

इस वर्ष चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड पहल की 10वीं वर्षगांठ है। नेपाल के पास समृद्ध नेपाल, सुखी नेपाली की विकास ²ष्टि भी है। तिमिलसीना ने कहा कि नेपाल और चीन ने बेल्ट एंड रोड के ढांचे के तहत बहुत सहयोग किया है, जिसमें नेपाल के सबसे प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल पोखरा में और विश्व प्रसिद्ध बौद्ध पवित्र स्थल लुंबिनी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों का निर्माण शामिल है।

उन्होंने नेपाल के विकास के लिए नि:स्वार्थ समर्थन के लिए चीन को धन्यवाद दिया और माना कि यह सब राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और वैश्विक सामान्य विकास को प्राप्त करने के लिए प्रस्तावित मानव जाति के साझा भाग्य वाले समुदाय की अवधारणा का अभ्यास करने के लिए है।

तिमिलसीना ने यह भी कहा कि संस्कृति हर किसी देश की एक महत्वपूर्ण संपदा होती है। नेपाल और चीन दोनों की अपनी विशिष्ट राष्ट्रीयता, भाषा और संस्कृति है, जो इतिहास की विरासत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नेपाल और चीन पर्यटन, संस्कृति, छात्र आदि क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग को और मजबूत करेंगे और मैत्रीपूर्ण गैर-सरकारी आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

--आईएएनएस

एसकेपी

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