खराब लाइफस्टाइल और खान-पान से कम उम्र में धोखा दे रहा है दिल, अस्पताल की कार्डियोलॉजी ओपीडी में 40% युवा मामलों की बढ़ोतरी, ठंड में रखें दिल का विशेष ख्याल

Bad lifestyle and eating habits are making the heart betray you at a young age, 40% increase in young cases in the hospital's cardiology OPD, take special care of the heart in winter
 
Bad lifestyle and eating habits are making the heart betray you at a young age, 40% increase in young cases in the hospital's cardiology OPD, take special care of the heart in winter
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।25 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं में दिल का दौरा पड़ना अब आम होता जा रहा है।‌ आए दिन इस तरह की खबरें हमें देखना और सुनने को मिलती है। फोर्टिस, ग्रेटर नोएडा में हाल ही इस तरह मामले देखने को मिले हैं। यहां  इलाज के लिए पहुंचे 26 और 29 साल के दो युवाओं के हार्ट अटैक के मामलों ने इस खतरे को उजागर किया है, हालांकि समय से और सही इलाज के चलते वह अब स्वस्थ हैं ‌। अस्पताल की  कार्डियोलॉजी ओपीडी में आने वाले मामलों में लगभग 40% युवाओं के हैं।जो साफ इशारा कर रहे हैं कि युवाओं का दिल खतरे में है।

तनावपूर्ण जीवनशैली, धूम्रपान, खानपान में बदलाव और जिम में भारी व्यायाम ने इस आयु वर्ग में हृदय रोगों की संख्या बढ़ा दी है। फ़ोर्टिस ग्रेटर नोएडा के डॉ. शांतनु सिंघल,कंसल्टेंट कार्डियोलॉजी ने बताया, “हाल ही में 25 से 30 आयुवर्ग के दो मरीजों का इलाज किया गया। इनमें से एक की एक धमनी और दूसरे की तीनों धमनियां अवरुद्ध थीं। इतनी कम उम्र में इस तरह की गंभीर हृदय संबंधी बीमारी का प्रमुख कारण हमारी बिगड़ चुकी लाइफस्टाइल और तनाव है।”

26 वर्षीय राहुल कुमार को जिम में एक्सरसाइज के दौरान कार्डियक अरेस्ट हुआ। वहीं, 29 वर्षीय अभिषेक चौहान, जिनकी हाल ही में कार्डियक जांच सामान्य थी, को भी दिल का दौरा पड़ा। उनकी एक धमनी 100% अवरुद्ध पाई गई। डॉ. सिंघल ने आगे कहा, “फिटनेस का मतलब सिर्फ शारीरिक ताकत नहीं, बल्कि कार्डियो एक्सरसाइज भी है।”

डॉ.सिंघल, ने जोर दिया, “धूम्रपान और शराब हृदय के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। युवाओं को इनसे बचना चाहिए और नियमित स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए। अल्कोहल के ‘स्वस्थ’ होने का भ्रम लत का कारण बनता है, जिससे दिल पर बुरा असर पड़ता है।”

 सर्दियों में दिल के दौरों के बढ़ने का कारण डॉ. शांतनु ने बताते हुए कहा "ठंड के मौसम में रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है। पानी की कमी और गाढ़ा खून जमने के कारण हृदयाघात की संभावना और अधिक हो जाती है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि लोग ठंड में गर्म कपड़े पहनें और शरीर को हाइड्रेट रखें।"

नियमित रूप से ईसीजी, ईको और टीएमटी जैसे परीक्षण करवाने से हृदय की स्थिति का पता चल जाता है। यदि परिवार में हृदय रोग का इतिहास है, तो सीटी कोरोनरी एंजियोग्राफी करवाना भी जरूरी हो सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित कार्डियो व्यायाम, तनाव नियंत्रण और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है। ठंड के मौसम में अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। गर्म कपड़े पहनें, शरीर को हाइड्रेट रखें और प्रिवेंटिव चेकअप करवाएं।

Tags