22 वर्षों के दर्द से मिली राहत: मैक्स हॉस्पिटल लखनऊ में दुर्लभ यूरीथ्रल सर्जरी से 52 वर्षीय महिला को नई जिंदगी

22 साल की पीड़ा का अंत
संगीता सिंह को पिछले 22 वर्षों से पेशाब करने में असहनीय दर्द और अत्यधिक समय लगने की समस्या थी। यह स्थिति उनके पहले प्रसव के बाद शुरू हुई थी, और धीरे-धीरे इतनी गंभीर हो गई कि हर बार मूत्रत्याग में 30 मिनट तक लगते थे। उन्होंने देश के कई अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन कोई समाधान नहीं मिल सका। अधिकतर स्थानों पर सर्जरी का सुझाव दिया गया, लेकिन संभावित जटिलताओं और ऑपरेशन के बाद पेशाब रोक पाने में असमर्थता (इनकॉन्टिनेंस) के डर से बार-बार सर्जरी टाल दी गई।
जटिल स्थिति, उन्नत समाधान
डॉ. राहुल यादव, डायरेक्टर – यूरोलॉजी, एंड्रोलॉजी, किडनी ट्रांसप्लांट और रोबोटिक यूरो-ऑन्कोलॉजी विभाग, ने बताया कि मरीज की यूरीथ्रा पूरी तरह अवरुद्ध थी, जो एक दुर्लभ और चुनौतीपूर्ण स्थिति है। इस केस में, डॉक्टरों ने एक एडवांस और विशेष सर्जिकल तकनीक –
"वेंट्रल बक्कल ग्राफ्ट यूरेथ्रोप्लास्टी विथ मार्टियस इंटरपोजीशन फ्लैप" का प्रयोग किया।
इस प्रक्रिया में:
-
मरीज के गाल की अंदरूनी त्वचा (बक्कल म्यूकोसा) से ग्राफ्ट लिया गया।
-
उसी से नई मूत्रनली तैयार की गई।
-
ग्राफ्ट को स्थिरता और शीघ्र उपचार के लिए लाबिया से रक्त संचार युक्त फैट पैड लगाया गया।
महिलाओं में दुर्लभता और चुनौती
डॉ. यादव ने बताया कि महिलाओं में यूरीथ्रल ब्लॉकेज अत्यंत दुर्लभ होता है, जिसकी घटनाएं 0.1% से 1% तक देखी जाती हैं। यह अक्सर सामान्य यूरिनरी इंफेक्शन या ओवरएक्टिव ब्लैडर समझ लिया जाता है। समय पर निदान न होने पर यह किडनी को भी प्रभावित कर सकती है। इसके कारणों में प्रसव के दौरान चोट, असफल सर्जरी, पेल्विक संक्रमण या मेनोपॉज के बाद होने वाले हार्मोनल बदलाव शामिल हो सकते हैं।
सफल सर्जरी, दर्द से मुक्ति
करीब दो घंटे चली इस जटिल सर्जरी के बाद मरीज को किसी भी प्रकार की जटिलता नहीं हुई। सिर्फ एक सप्ताह के भीतर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और अब वे बिना किसी दर्द या रुकावट के सामान्य रूप से पेशाब कर पा रही हैं।
मैक्स हॉस्पिटल – महिला यूरोलॉजी में अग्रणी
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ देश के गिने-चुने ऐसे संस्थानों में से एक है, जहां महिलाओं की ऐसी जटिल यूरोलॉजिकल सर्जरी एडवांस्ड तकनीकों और अनुभवी टीम की देखरेख में की जाती है। यहां ऑपरेशन के बाद की समग्र देखभाल, कस्टमाइज़्ड फिजियोथेरेपी और मानसिक सहयोग जैसी सेवाएं भी उपलब्ध हैं, जो मरीज को शीघ्र और सम्पूर्ण स्वस्थता की ओर ले जाती हैं।