54वां राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह: "सुरक्षा और स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता" थीम के साथ हुआ शुभारंभ

54th National Safety Week: Launched with the theme "Safety and Health are our top priority"
 
54th National Safety Week: Launched with the theme "Safety and Health are our top priority"
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।10 मार्च तक आयोजित किए जा रहे 54वें राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की थीम सुरक्षा और स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता के तहत सुएज इंडिया ने हेल्थ सिटी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के सहयोग से स्पाइन संबंधी चिकित्सक संवाद और ईएनटी कैंप का आयोजन किया।

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों और अधिकारियों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना था। इस शिविर में सुएज इंडिया के 100 से अधिक कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने अपनी ईएनटी जांच कराई। इसके अलावा ब्रेन, स्पाइन और न्यूरोसर्जरी विशेषज्ञों द्वारा विशेष प्रस्तुति दी गई, जिसमें उपस्थित लोगों ने अपने स्वास्थ्य संबंधी सवालों पर विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया।

स्पाइन और न्यूरोसर्जरी पर विशेष सत्र


कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. हिमांशु कृष्णा , जिनके पास 25 वर्षों का अनुभव है, ने रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारियों और उनके निदान पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सही जीवनशैली अपनाने से स्पाइन से जुड़ी समस्याओं को रोका जा सकता है। आज की एडवांस टेक्नोलॉजी के चलते इलाज आसान हो गया है और न्यूरोसर्जरी की सफलता दर लगभग 90% तक पहुंच गई है। सर्जरी से जुड़े जोखिम भी अब बहुत कम हो गए हैं।

ईएनटी स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य जागरूकता


ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. गोरखनाथ (केजीएमयू, लखनऊ) ने शिविर में कर्मचारियों एवं अधिकारियों की ईएनटी स्क्रीनिंग की और नियमित जांच की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "सुनने की क्षमता और कान-नाक-गले से जुड़ी समस्याओं को समय पर पहचानकर गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

सुएज इंडिया की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य पहल


सुएज इंडिया के हेल्थ एंड सेफ्टी मैनेजर पंकज सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के दूसरे दिन स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इसके अलावा, पूरे सप्ताह सुएज इंडिया की विभिन्न साइटों पर सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे कर्मचारियों की सुरक्षा और सेहत को बेहतर बनाया जा सके।

सुएज इंडिया की इस पहल से कर्मचारियों और अधिकारियों को न केवल स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक जानकारी मिली, बल्कि उन्हें अपनी सुरक्षा और सेहत को प्राथमिकता देने की प्रेरणा भी मिली।

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