सीएम योगी बोले : पीएसी का 78 वर्षों का इतिहास शौर्य, अनुशासन और बलिदान की मिसाल
सरकार ने पीएसी में 41,893 आरक्षी और 698 प्लाटून कमांडर किए भर्ती
लखनऊ | 17 दिसंबर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रादेशिक आर्म्ड कॉन्स्टेबुलरी (पीएसी) का 78 वर्षों का इतिहास अनुशासन, शौर्य, त्याग और समर्पण से भरा हुआ है। उन्होंने जवानों से आह्वान किया कि साहस, कर्तव्यनिष्ठा, व्यावसायिक दक्षता और कठोर प्रशिक्षण ही उनकी असली पहचान होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सरकार स्तर पर जवानों के सम्मान, सुविधाओं और संसाधनों में निरंतर वृद्धि की जाती रहेगी।
मुख्यमंत्री आज यूपी पीएसी स्थापना दिवस समारोह–2025 के अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पीएसी द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं अवलोकन भी किया और बल को उसके गौरवशाली इतिहास के लिए शुभकामनाएं दीं।
कानून का राज ही सुशासन और विकास की नींव: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बढ़ा हुआ आत्मविश्वास कानून के राज का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था मजबूत होगी तभी सुशासन सुनिश्चित होगा और सुरक्षित माहौल में ही निवेश संभव है। सुरक्षित निवेश युवाओं के सपनों को साकार करने का माध्यम बनता है और यहीं से नए उत्तर प्रदेश का निर्माण होता है।
संवेदनशील परिस्थितियों में अग्रिम मोर्चे पर तैनात रहता है पीएसी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएसी बल प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन, प्रमुख त्योहारों, वीवीआईपी आगमन और चुनाव जैसे संवेदनशील अवसरों पर अग्रिम मोर्चे पर रहकर अपनी भूमिका निभाता है। पीएसी के अधिकारी और जवान न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी एसएसएफ, यातायात पुलिस, प्रशिक्षण संस्थानों, एटीएस और एसटीएफ कमांडो के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।
आतंकवाद के खिलाफ पीएसी का साहसिक इतिहास
सीएम योगी ने पीएसी के अदम्य साहस का उल्लेख करते हुए कहा कि 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले के दौरान 30वीं वाहिनी पीएसी, गोंडा के जवानों ने वीरता का परिचय देते हुए सभी आतंकियों को मार गिराया था। इसी तरह जुलाई 2005 में श्रीराम जन्मभूमि परिसर, अयोध्या पर हुए आतंकी हमले के दौरान सीआरपीएफ, पीएसी और यूपी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में आतंकियों का सफाया किया गया।
पीएसी की 46 कंपनियों को किया गया पुनर्जीवित
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने पीएसी की 46 कंपनियों को पुनर्जीवित किया, जिससे कानून व्यवस्था को और मजबूती मिली और उत्तर प्रदेश की सकारात्मक छवि देशभर में स्थापित हुई। पीएसी को अत्याधुनिक हथियारों और दंगा नियंत्रण उपकरणों से लैस किया गया है, जिनमें एसएलआर, इंसास राइफल, मल्टीसेल लॉन्चर, एंटी-रायट गन और टियर गैस गन शामिल हैं।
पीएसी में रिकॉर्ड भर्तियां और पदोन्नति
सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने पीएसी में अब तक
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41,893 आरक्षियों
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698 प्लाटून कमांडरों
की भर्ती की है।
वर्तमान में सीधी भर्ती के अंतर्गत
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1,648 प्लाटून कमांडर
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15,131 आरक्षी
पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। इनमें से 135 प्लाटून कमांडर पदों के लिए विज्ञापन जारी किया जा चुका है।
सेवा के दौरान दिवंगत जवानों के
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396 आश्रितों को आरक्षी,
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58 आश्रितों को प्लाटून कमांडर
के पद पर नियुक्ति दी गई है।
इसके अलावा पदोन्नति के तहत
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426 उप निरीक्षक,
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4,042 मुख्य आरक्षी,
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13,313 आरक्षियों
को पदोन्नत किया गया है, जबकि कई अन्य मामलों में प्रक्रिया जारी है।
पीएसी जवानों के कल्याण पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस कल्याण योजना के तहत प्रदेश में 31 पुलिस मॉडर्न स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। पीएसी स्थापना दिवस पर पहली बार बेस्ट परफॉर्मेंस पुलिस मॉडर्न स्कूल का चयन किया गया।
जवानों को सस्ती दरों पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए
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13 मास्टर कैंटीन
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103 सब्सिडियरी कैंटीन
संचालित हैं।
पीएसी की 31 वाहिनियों में जी+11 बहुमंजिला बैरकों का निर्माण तेज़ी से चल रहा है, जिनमें से 18 वाहिनियों में कार्य पूर्ण हो चुका है।
खेल बजट बढ़ाकर किया गया 10 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए पुलिस स्मृति दिवस 2024 पर खेल बजट को 70 लाख से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये किया गया। इसके परिणामस्वरूप 2025 में प्रदेश पुलिस के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में
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14 स्वर्ण,
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2 रजत,
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3 कांस्य पदक
जीते।
आठ वर्षों में यूपी पुलिस में 2.19 लाख भर्तियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में यूपी पुलिस बल में 2.19 लाख कार्मिकों की भर्ती की गई है, जिसमें 20 प्रतिशत महिला आरक्षण सुनिश्चित किया गया। वर्तमान में प्रदेश में 44 हजार से अधिक महिला पुलिसकर्मी सेवाएं दे रही हैं।
तीन महिला पीएसी वाहिनियों का गठन
मुख्यमंत्री ने बताया कि महिला सशक्तिकरण के तहत पहली बार
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लखनऊ में वीरांगना ऊदा देवी,
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गोरखपुर में झलकारी बाई,
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बदायूं में अवंतिबाई
के नाम से तीन महिला पीएसी वाहिनियों का गठन किया गया है। अन्य महिला वाहिनियों की स्थापना की प्रक्रिया भी प्रगति पर है।
