उत्तर प्रदेश सरकार और UNDP के बीच हुआ ऐतिहासिक समझौता, आपदा प्रबंधन को वैज्ञानिक और सशक्त स्वरूप देने की दिशा में नई शुरुआत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में हुआ समझौता, 75 जिलों और 15 विभागों में विकसित होंगी आपदा प्रबंधन योजनाएं
Thu, 17 Jul 2025
लखनऊ, जुलाई 2025। उत्तर प्रदेश में आपदा प्रबंधन को अधिक वैज्ञानिक, समन्वित और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में, राज्य सरकार के राहत आयुक्त कार्यालय और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह साझेदारी राज्य में डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (DRR) कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन, संस्थागत क्षमताओं के निर्माण और बहुस्तरीय आपदा प्रबंधन प्रणाली के तकनीकी सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक नई शुरुआत है।
UNDP भारत प्रमुख की उपस्थिति में हुआ समझौता
इस अवसर पर UNDP की भारत प्रमुख एवं रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव डॉ. एंजेला लुसीगी भी उपस्थित रहीं। उन्होंने मुख्यमंत्री से भेंट कर उत्तर प्रदेश सरकार की दूरदर्शी सोच और आपदा प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि UNDP तकनीकी सहायता, नीति निर्माण, योजना विकास और जमीनी कार्यान्वयन में सरकार के साथ हर स्तर पर सहयोग करेगा।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण: आपदा प्रबंधन एक प्रशासनिक प्राथमिकता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आपदा प्रबंधन आज के समय की एक अनिवार्य प्रशासनिक प्राथमिकता बन चुका है। तकनीकी दक्षता, प्रशिक्षण और समय रहते तैयारी के समन्वय से आपदा के प्रभाव को न्यूनतम किया जा सकता है। यह साझेदारी उत्तर प्रदेश की क्षमता को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करेगी और शासन तंत्र को अधिक वैज्ञानिक और निर्णयक्षम बनाएगी।
उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल जीवन और संपत्ति की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को देश के अग्रणी आपदा प्रबंधन राज्यों में शामिल करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
समझौते के प्रमुख उद्देश्य और कार्य योजनाएं
इस सहयोग के तहत राज्य में विभिन्न स्तरों पर आपदा न्यूनीकरण कार्यक्रमों को क्रियान्वित किया जाएगा, जिसमें शामिल हैं
- 75 जिलों में जिला आपदा प्रबंधन योजनाओं का विकास
- 15 विभागों के लिए विभागीय आपदा योजनाएं तैयार करना
- 10 विभागों के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार करना
- 20 प्रमुख शहरों में आपदा जोखिम और संवेदनशीलता का मूल्यांकन
- शहरी क्षेत्रों के लिए विशेष आपदा प्रबंधन योजनाओं का निर्माण
- तकनीकी सुदृढ़ीकरण और प्रशिक्षण का व्यापक ढांचा
राज्य स्तर की आपदा सूचना प्रणाली को एकीकृत और सुदृढ़ बनाने की दिशा में भी कई पहलें की जाएंगी
- परियोजना प्रबंधन यूनिट की स्थापना
- आईसीटी उपकरणों की उपलब्धता
- प्रशिक्षण कार्यशालाएं और मूल्यांकन अध्ययन
- अर्ली वॉर्निंग सिस्टम को सक्षम बनाना
इन पहलों का उद्देश्य राज्य की संस्थागत तैयारियों को बढ़ाना और स्थानीय स्तर पर प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है।
कार्यक्रम पर खर्च और कार्यान्वयन का खाका
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन हेतु आगामी तीन वर्षों में कुल 19.99 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। यह राशि चरणबद्ध रूप से व्यय की जाएगी, और UNDP द्वारा प्रस्तुत तकनीकी प्रस्तावों के अनुसार सभी गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।
यह सहयोग राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की संस्तुति के अनुरूप है, जिसने UNDP को इस क्षेत्र में तकनीकी साझेदार के रूप में मान्यता दी है।
