रॉकेट प्रोपल्शन को समझना" विषय पर एक तकनीकी वार्ता का आयोजन

Organised a technical talk on "Understanding Rocket Propulsion"
 
Organised a technical talk on "Understanding Rocket Propulsion"
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। राजधानी लखनऊ में इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) यूपी स्टेट सेंटर, लखनऊ में "रॉकेट प्रोपल्शन को समझना" विषय पर एक तकनीकी गोष्ठी का आयोजन किया गया। 

 

 

इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इंजीनियर विनोद सक्सेना, एफआईई, सेवानिवृत्त अपर महाप्रबंधक, एचएएल, लखनऊ डिवीजन थे। रॉकेट प्रणोदन प्रणाली के बारे में आम लोगों में जिज्ञासा हाल ही में बढ़ी है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय मिसाइलों के शानदार प्रदर्शन के बाद। 'इन रॉकेट और मिसाइलों का पावर सोर्स क्या है, पावर कैसे निकाली और नियंत्रित की जाती है, रॉकेट ईंधन की प्रकृति क्या है, आदि' आज हर किसी के मन में सवाल है।

न्यूटन का तीसरा नियम रॉकेट प्रणोदन का आधार है, जो बताता है कि हर क्रिया के लिए एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
इंजीनियर विनोद सक्सेना ने रॉकेट की कार्यप्रणाली के मूल सिद्धांतों को समझाया। इसके बाद उन्होंने रॉकेट और मिसाइलों में इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न प्रणोदन प्रणालियों, ठोस और तरल ईंधन (जिसे प्रणोदक कहा जाता है) के उपयोग और सीमाओं, इसमें शामिल इंजीनियरिंग जटिलता और रॉकेट के मंचन के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न ईधनों (प्रणोदकों) को कैसे वर्गीकृत किया जाता है और दुनिया भर के प्रसिद्ध रॉकेटों में कौन से प्रणोदकों का इस्तेमाल किया जाता है।
कार्यक्रम की शुरुआत में, इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियर्स (इंडिया), उत्तर प्रदेश राज्य केंद्र, लखनऊ के पूर्व अध्यक्ष एवं काउंसिल सदस्य, प्रो. (डॉ.) भरत राज सिंह, एफ. आई.ई. ने अतिथियों का स्वागत किया तथा विषय-वस्तु पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के संयोजक ई. विजय प्रताप सिंह, मानद सचिव, इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियर्स (इंडिया), ने विषय-वस्तु का परिचय दिया तथा कार्यक्रम का सफल संचालन किया। इस अवसर पर इं. डी.के. गुप्ता, इं. जी.एम. पांडे, इं. जमाल नुसरत, इं. जे.एम.एल. जायसवाल, इं. सी.एस. आजाद, आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सदस्यों ने प्रतिभाग किया l

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