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लखनऊ में औषधीय, सगंध पौधों की उन्नत खेती एवं उनसे निर्मित उत्पादों की तकनीकी पर आधारित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत

A three-day training program based on the technology of advanced cultivation of medicinal and aromatic plants and the products made from them started in Lucknow
 
A three-day training program based on the technology of advanced cultivation of medicinal and aromatic plants and the products made from them started in Lucknow
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।जिला उद्यान कार्यालय, गया, बिहार द्वारा चयनित किसानों को औषधीय एवं सगंध पौधों व खेती व इन पौधों के प्रयोग से बनने वाले उत्पादों की तकनीकी के प्रति जागरूक करने के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप), लखनऊ मे आज दिनांक 18.03.2025 को प्रारम्भ किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मे गया जनपद, बिहार के 05 महिला किसान के साथ 17 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं । इस कार्यक्रम को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों को औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती के साथ-साथ इनसे बनने वाले उत्पादों की तकनीकी को भी सिखाया जाये ताकि किसानों को सीधा लाभ प्राप्त हो।

कार्यक्रम के उदघाटन सत्र मे डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये कि सीएसआईआर-सीमैप पिछले 60 वर्षों से औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती मे किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है, तथा नई-नई कृषि तकनीकी, पौध सामग्री एवं उन्नतशील प्रजातियां किसानों को उपलब्ध करा रहा है। जिसके फलस्वरूप लाखों किसानों को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचा है। किसानों द्वारा संस्थान की विकसित उन्नत प्रजातियों एवं तकनीकों को अपनाकर देश को मेंथा तथा नीबूघास के तेल के उत्पादन मे विश्व मे प्रथम स्थान बनाया है।

हमे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप लोग यहाँ से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने-अपने जिलों के किसानों को औषधीय, सगंध पौधों व फूलों की खेती प्रति जागरूक करेंगे। इस तरह सभी लोग मिल कर कार्य करेंगे तो दूसरे सगंधीय तेलों जैसे खस, पामारोजा व अन्य सगंधीय तेलों मे आत्मनिर्भरता के साथ निर्यात भी कर सकेंगे। उन्होने आगे कहा कि मुझे आशा है कि बीते तीन दिनों मे वैज्ञानिकों द्वारा औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती, प्राथमिक प्रसंस्करण व विपणन विषय पर विस्तार से जानकारी प्रदान किया जाएगा ।

इस अवसर पर सीएसआईआर-सीमैप द्वारा विकसित हर्बल उत्पादों सिम-सुगंधा-सुगंधित तेलों पर आधारित हर्बल साबुन व क्लीनजर्म-सुगंधित फ्लोर क्लीनर की तकनीकी को सहायक निदेशक, उद्यान, जिला उद्यान कार्यालय, गया (जिला बागवानी विकास समिति) चंदौती, गया बिहार को हस्तांतरित कीगई।

आज के तकनीकी सत्र मे डॉ. संजय कुमार ने संस्थान द्वारा प्रदत्त सेवाओं व गतिविधियों के साथ-साथ नीबूघास व रोशाघास के उत्पादन की उन्नत तकनीकी के बारे मे विस्तार से प्रतिभागियों को बताया। तत्पश्चात डॉ. राम सुरेश शर्मा ने खस व तुलसी के उत्पादन की उन्नत तकनीकी प्रतिभागियों से साझा की। डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा सीएसआईआर-सीमैप मे उपलब्ध विभिन्न उत्पादों की तकनीकी हस्तांतरण की प्रक्रिया को प्रतिभागियों से साझा की। डॉ. ऋषिकेश भिसे ने कालमेघ के उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीकी के बारे मे बताया। आज के अंतिम व्याख्यान मे डॉ. राम स्वरूप वर्मा ने सुगंधित पौधों से तेल का आसवन, संशोधन एवं उनके रख-रखाव के बारे मे प्रतिभागियों को बताया। तथा सगंध पौधों का प्रयोगशाला स्तर पर सुगंधित तेलों के आसवन का प्रदर्शन तथा औषधीय एवं सगंध पौधों का रोपण व नर्सरी विधि का सजीव प्रदर्शन भी किया गया।

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