"अबकी बार चार टुकड़े होंगे पाकिस्तान के" – भारत का सख्त संदेश

"This time Pakistan will be divided into four parts" – India's strong message
 
"This time Pakistan will be divided into four parts" – India's strong message
भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवाद के खिलाफ जो निर्णायक रुख अपनाया है, उसने न केवल देशवासियों को गर्व से भर दिया है बल्कि दुश्मनों को स्पष्ट चेतावनी भी दे दी है कि अब भारत सहनशील नहीं, निर्णायक कार्रवाई के लिए तैयार है।

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ऑपरेशन सिंदूर की मार और पाकिस्तान की बौखलाहट

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इससे घबराया पाकिस्तान इसे सीधे अपने ऊपर हमला मान बैठा और बदले की नीयत से अमेरिका, चीन और तुर्की से मिले हथियारों से भारत पर हमला करने की कोशिश की। लेकिन भारत ने अपने स्वदेशी हथियारों के दम पर न केवल पाकिस्तानी हमले को विफल किया, बल्कि उसके 11 वायुसेना ठिकानों को भी पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।

इस जवाबी हमले से पाकिस्तान पूरी तरह से झुक गया और भारत के आगे मदद की गुहार लगाने लगा। इसके बाद भारत ने फिलहाल कार्रवाई को थोड़े समय के लिए स्थगित किया, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि यह संघर्ष रुकने वाला नहीं।

राजनयिक मोर्चे पर भारत की वैश्विक पहल

भारत ने इस ऑपरेशन के बाद कूटनीतिक स्तर पर भी मोर्चा संभाला। देश के सांसदों का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के प्रमुख देशों में भारत का पक्ष रखने के लिए रवाना हुआ। इन प्रतिनिधियों ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने और भारत की नीति को सही ठहराने में अहम भूमिका निभाई।

पीएम मोदी की चेतावनी: अब वार्ता सिर्फ POK और आतंकवाद पर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि अब पाकिस्तान से किसी भी तरह की बातचीत केवल पाक अधिकृत कश्मीर की वापसी और आतंकवाद के खात्मे पर ही होगी। उन्होंने कहा, “शरीर चाहे जितना भी स्वस्थ क्यों न हो, लेकिन अगर उसमें कोई कांटा चुभा हो तो चैन नहीं आता। अब हमने तय कर लिया है कि वह कांटा निकालकर ही रहेंगे।”

प्रधानमंत्री की रैलियों में भारी भीड़ उमड़ रही है और राष्ट्रवाद की लहर पूरे देश में साफ देखी जा सकती है। हर सभा में तिरंगे की गर्जना और जन समर्थन का जोश स्पष्ट संकेत देता है कि जनता अब निर्णायक कदम चाहती है।

विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार: आर्थिक मोर्चे पर भी निर्णायक हमला

प्रधानमंत्री मोदी ने विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार की भी अपील की है और 'लोकल फॉर वोकल' को अपनाने का आह्वान किया है। उनका मानना है कि यदि देशवासी विदेशी उत्पादों का उपयोग बंद कर दें, तो इससे उन देशों की अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ेगा, जो भारत के विरोध में खड़े होते हैं।

इस अपील का असर विशेष रूप से चीन पर देखा जा सकता है, जिसके हथियारों की मांग में गिरावट दर्ज की गई है, जबकि भारत अब वैश्विक रक्षा बाज़ार में मजबूती से कदम बढ़ा रहा है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कड़ा संदेश

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पाकिस्तान को चेताते हुए कहा है कि यदि वह बातचीत चाहता है तो उसे पहले:

  • हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकियों को भारत को सौंपना होगा,

  • अपने देश में चल रहे आतंकी शिविरों को खत्म करना होगा,

  • और पाक अधिकृत कश्मीर को खाली करना होगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि POK भारत का अभिन्न हिस्सा है और वह दिन दूर नहीं जब वहां के लोग स्वयं भारत की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लेंगे।

नेवी की अगली कार्रवाई के संकेत

आईएनएस विक्रांत से भारतीय नौसेना के जवानों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने इशारा दिया कि अगली सैन्य कार्रवाई समुद्री रास्ते से हो सकती है। उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान अब भी गलती करता है, तो परिणाम इतने गंभीर होंगे कि उसके चार टुकड़े हो सकते हैं।”

ऑपरेशन सिंदूर: नया भारत, नया दृष्टिकोण

ऑपरेशन सिंदूर महज एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक नए भारत का प्रतीक बन चुका है। यह न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की 'शून्य सहनशीलता' की नीति को दर्शाता है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि आज का भारत केवल प्रतिक्रिया नहीं देता — वह निर्णायक रूप से परिणाम देता है।

यह अभियान आत्मनिर्भर भारत की रक्षा नीति की मजबूत नींव भी बन रहा है, जहाँ स्वदेशी रक्षा उपकरण वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। कावेरी इंजन जैसे प्रोजेक्ट आने वाले समय में भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।

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