अदाणी ग्रुप का संकल्प: भारत में विश्वस्तरीय, किफायती और एआई-आधारित हेल्थकेयर इकोसिस्टम का निर्माण
Adani Group's vision: To build a world-class, affordable and AI-based healthcare ecosystem in India
Sat, 12 Jul 2025
मुंबई, जुलाई 2025 : भारत के हेल्थ सेक्टर में एक क्रांतिकारी पहल की घोषणा करते हुए अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने भविष्य के चिकित्सा ढांचे को लेकर अपनी दूरदर्शी सोच साझा की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब देश को एक ऐसा हेल्थकेयर मॉडल चाहिए, जो सुलभ, तकनीकी रूप से उन्नत और जनहित पर केंद्रित हो।
गौतम अदाणी 'ताज महल पैलेस होटल' में आयोजित सोसाइटी फॉर मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी-एशिया पैसिफिक (SMISS-AP) के पांचवें वार्षिक सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य एक ऐसा मल्टीडिसिप्लिनरी, एआई-सक्षम हेल्थकेयर इकोसिस्टम खड़ा करना है, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप हो और भारत की विशाल जनसंख्या के लिए किफायती भी।
भारत की रीढ़ को स्वस्थ बनाना प्राथमिकता
गौतम अदाणी ने भारत में लोअर बैक पेन को विकलांगता का सबसे बड़ा कारण बताते हुए कहा कि यह स्थिति अब डायबिटीज़ और हृदय रोगों से भी अधिक गंभीर हो चुकी है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यदि भारत को अपने सपनों की ओर आगे बढ़ाना है, तो सबसे पहले उसके नागरिकों की रीढ़ को मज़बूत करना होगा। इस अवसर पर उन्होंने वैश्विक स्पाइन विशेषज्ञों से आग्रह किया कि वे चिकित्सा क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भी सक्रिय भूमिका निभाएं।
हेल्थकेयर टेम्पल्स: भविष्य की स्वास्थ्य संरचना
अदाणी ग्रुप द्वारा पहले घोषित अहमदाबाद और मुंबई में बनने वाले 1,000-बिस्तरों वाले हेल्थकेयर टेम्पल्स का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ये कैंपस न केवल इलाज के लिए बल्कि शोध और प्रशिक्षण के भी वैश्विक केंद्र बनेंगे। यहां का मॉड्युलर और स्केलेबल इन्फ्रास्ट्रक्चर आपातकालीन स्थितियों के लिए तुरंत अनुकूलित किया जा सकेगा।
इन संस्थानों की रूपरेखा मायो क्लिनिक जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की डिज़ाइन, मेडिकल रिसर्च और टेक्नोलॉजी इनोवेशन से प्रेरित होगी।
पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित स्वास्थ्य दृष्टिकोण
गौतम अदाणी ने भारत के भविष्य के हेल्थ सिस्टम की परिकल्पना इन पांच बिंदुओं पर आधारित बताई
1. एकीकृत चिकित्सा प्रणाली – पारंपरिक विभागीय सीमाओं को समाप्त कर सहयोगी इलाज को बढ़ावा।
2. मॉड्युलर व स्केलेबल आधारभूत ढांचा – किसी भी स्थिति में त्वरित विस्तार की क्षमता।
3. एआई और रोबोटिक्स युक्त मेडिकल शिक्षा – डिजिटल दक्षता के साथ आधुनिक प्रशिक्षण।
4. नर्सिंग और पैरामेडिकल प्रशिक्षण में निवेश – क्वालिटी हेल्थ वर्कफोर्स तैयार करना।
5. सहज व मरीज-केंद्रित हेल्थ इंश्योरेंस मॉडल – कागज़ी झंझट के बिना सुविधा।
उद्यमियों के लिए नया क्षेत्र
गौतम अदाणी ने मेडिकल उद्यमियों से आह्वान किया कि वे एआई-आधारित स्पाइनल डायग्नोस्टिक्स, ग्रामीण सर्जिकल यूनिट्स और रोबोटिक स्पाइन केयर जैसे नवीन क्षेत्रों में वैश्विक केंद्र विकसित करें।
अपने भाषण में उन्होंने कहा, "आप जिन रीढ़ों को आज बचाएँगे, हो सकता है उनमें से कोई कल का वैज्ञानिक हो, जो नई वैक्सीन खोजेगा, कोई इंजीनियर जो पुल बनाएगा, या कोई नवोन्मेषी अगली यूनिकॉर्न कंपनी खड़ी करेगा।
भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था: अभी भी चुनौतीपूर्ण
भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर बात करते हुए अदाणी ने बताया कि डब्ल्यूएचओ मानक के मुकाबले भारत में डॉक्टर, नर्स और दाइयों की संख्या काफी कम है। विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में इस कमी का असर गंभीर रूप से देखा जा रहा है, जहां अधिकतर आबादी को उचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती।
उन्होंने कहा कि महज सुधारों से अब काम नहीं चलेगा, बल्कि पूरे हेल्थ सिस्टम को फिर से डिज़ाइन करने की जरूरत है, जिसमें उपचार, वित्तीय मॉडल, मेडिकल स्टाफ और विस्तार नीति सब शामिल हों।
60,000 करोड़ रुपए का समर्पण
अब तक अदाणी ग्रुप द्वारा 60,000 करोड़ रुपए का निवेश स्वास्थ्य, शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में किया जा चुका है। यह पहल भारत के राष्ट्र निर्माण के उनके दीर्घकालिक लक्ष्य का हिस्सा है।
गौतम अदाणी ने सम्मेलन में उपस्थित विशेषज्ञों से प्रेरणात्मक शब्दों में कहा भारत तब तक आगे नहीं बढ़ सकता, जब तक उसके लोग खड़े नहीं हो सकते और लोग तब तक खड़े नहीं हो सकते, जब तक आप उनकी रीढ़ नहीं संभालते। आइए, मिलकर इस राष्ट्र की रीढ़ को मज़बूत करें।
