ए.आई. का युग है हिंदी का विजय युग:खालिद हाशमी
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। श्री सरस्वती सदन के तीन दिवसीय हिंदी महोत्सव का समापन हुआ। जिसमें मीडिया विश्लेषक खालिद हाशमी ने ए. आई. तकनीक और हिंदी विषय पर अपना सारगर्भित व्याख्यान दिया. खालिद हाशमी ने अपने व्याख्यान में ए. आई. तकनीक के बढ़ते प्रयोग पर हिंदी के सामने आने वाली चुनौतियों और होने वाले लाभ के विषय में समझाया. समापन के अवसर पर विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए गए.
मुम्बई से आए खालिद हाशमी ने ए. आई. युग को हिंदी का विजय युग कहा. सेंसर बोर्ड के पूर्व सदस्य और मीडिया विश्लेशक खालिद हाशमी ने लोगों को समझाया कि विश्व में ए.आई तकनीक आने के बाद अंग्रेज़ी का वर्चस्व धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा. ऐसा होने से हिंदी भाषी लोगों की हीन भावना समाप्त होगी और वे आत्मविश्वासी बनेंगे. उन्होंने कहा कि ए.आई. तकनीक के माध्ययम से हिंदी विश्व की अन्य भाषाओं में अनुवादित होकर और अधिक जानी और समझी जाएगी. उन्होंने कहा कि ए. आई. तकनीक के कारण भाषा की सीमाएं टूट रही हैं और इसका सबसे अधिक लाभ दुनिया में हिंदी के प्रचार-प्रसार को मिलेगा.
सदन के समापन समारोह में बोलते हुए खालिद हाशमी ने बताया कि दुनिया भर में भारत के लोग विज्ञान और गणित विषयों के ज्ञान और समझ के लिए जाने जाते हैं. इस तकनीक के माध्ययम से अब उनकी ख्याति और उनके ज्ञान का लाभ दुनिया भर के लोग अपनी-अपनी भाषा में उठा सकेंगे. श्री हाशमी ने यह भी बताया कि ए. आई. के कारण हिंदी भाषी लोगों को रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे.
कार्यक्रम में सबसे पहले खालिद हाशमी ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि की और दीप प्रज्जवलित किया. वाणी वंदना सदन उपाध्यक्ष श्रवण मिश्र राही ने प्रस्तुत की. सदन अध्यक्ष अरुणेश वाजपेयी ने सदन की हिंदी सेवी गतिविधियों पर प्रकाश डाला. मुख्य वक्ता खालिद हाशमी का परिचय अनिल श्रीवास्तव द्वारा दिया गया. कार्यक्रम का संचालन मंत्री मनीष मिश्र ने किया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ बी.डी.शुक्ला, प्रो. अखिलेश वाजपेयी, अभयशंकर गौड़, के एम अवस्थी, डॉ. अमित वर्मा, कमलाकांत यादव, रामबाबू शर्मा और सुशील वर्मा सहित अनेक लोग मौजूद रहे।