भारत की आईटी कंपनियों पर लगे आरोपों से वैश्विक प्रतिष्ठा को खतरा
Allegations against Indian IT companies threaten global reputation
Thu, 3 Jul 2025

नई दिल्ली, 3 जुलाई 2025:
भारत की कुछ प्रमुख आईटी कंपनियों पर लगे अनैतिक गतिविधियों के आरोपों ने देश की अंतरराष्ट्रीय छवि पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन कंपनियों पर भाई-भतीजावाद, सांठगांठ और भ्रष्टाचार के ज़रिए ठेके हासिल करने के आरोप हैं, जिससे भारत के डिजिटल टैलेंट हब की साख को गहरी चोट पहुंच रही है।
‘ब्राइब्स फॉर जॉब्स’ घोटाले से हुआ खुलासा
2023 में देश की अग्रणी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी टीसीएस (TCS) में उजागर हुआ 'ब्राइब्स फॉर जॉब्स' घोटाला इस गिरावट की पहली बड़ी कड़ी माना जा रहा है। कंपनी की आंतरिक जांच से यह सामने आया कि हैदराबाद स्थित ‘फॉरे सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड’ और बेंगलुरु की ‘टैलटेक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड’ को रिश्वत के बदले अनुबंध दिए गए। इन कंपनियों को स्टाफिंग की जरूरतों की जानकारी पहले से मिल जाती थी, जिससे वे सीधी पहुंच पाकर अनुचित लाभ उठाती थीं।
जांच के बाद टीसीएस ने संबंधित कंपनियों और अधिकारियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया। इसके बाद अन्य वैश्विक कंपनियों ने भी फॉरे सॉफ्टवेयर और इसके संस्थापक वासु बाबू वज्जा को प्रतिबंधित कर दिया। हालांकि इसके बावजूद यह कंपनी अभी भी देश-विदेश में सक्रिय है और फॉर्च्यून 500 कंपनियों को भ्रामक तरीकों से सेवाएं दे रही है।
गठजोड़ की भी जांच
फॉरे सॉफ्टवेयर की अमेरिका स्थित कंपनी ES Search Consultants के साथ साझेदारी भी अब जांच के दायरे में है। टेक्सास स्थित इस कंपनी का संचालन मधु कोनेनी और मृदुला मुनगला नामक दंपत्ति करते हैं।
एच1बी वीजा का दुरुपयोग और भर्तियों में धांधली
पूर्व कर्मचारी देबासीस पंड्या के अनुसार, एक बार जब ES Search का कोई व्यक्ति किसी अमेरिकी कंपनी में काम पर लग जाता है, तो वह चयन प्रक्रिया को प्रभावित करता है। अमेरिकी नागरिकों को जानबूझकर खारिज कर 'कमी' का वातावरण बनाया जाता है ताकि एच1बी वीजा पर भारत से लाए गए उम्मीदवारों को ऊंची दरों पर नियुक्त किया जा सके। हालांकि, इन उम्मीदवारों को वास्तविक वेतन काफी कम दिया जाता है, जिससे एजेंसी को भारी मुनाफा होता है।
एच1बी रिकॉर्ड्स के मुताबिक, ES Search ने WW Grainger और 7-Eleven जैसी कंपनियों को अपने कर्मचारियों की तैनाती का स्थल बताया है। विशेष ध्यान देने वाली बात यह है कि मधु कोनेनी स्वयं WW Grainger में पूर्णकालिक कार्यरत हैं, जिससे हितों के टकराव और पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।
संपर्कों के आधार पर भर्तियां, योग्य उम्मीदवार वंचित
ES Search और फॉरे सॉफ्टवेयर में सिर्फ अपने नजदीकी रिश्तेदारों और परिचितों को ही अवसर दिए जाते हैं। इस 'तेलुगु नेटवर्किंग मॉडल' के कारण देश के अन्य हिस्सों के योग्य इंजीनियरों को समान अवसर नहीं मिलते। इससे प्रतिभा आधारित प्रतियोगिता का ह्रास हो रहा है।
गुडगांव स्थित टेक उद्यमी विश्वास कुमार, जिन्हें एक अमेरिकी प्रोजेक्ट इसी तरह के अनैतिक गठजोड़ के कारण गंवाना पड़ा, का कहना है, “भारतीय आईटी उद्योग की नींव पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता पर टिकी है। चंद स्वार्थी तत्वों के कारण भारत की विश्वसनीयता को गहरा आघात लग सकता है।”
भारत-अमेरिका सहयोग पर असर की आशंका
विश्वास कुमार का मानना है कि भारत इस समय अमेरिका के साथ डिजिटल गवर्नेंस, तकनीकी साझेदारी और कुशल कार्यबल के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। ऐसे में अगर अनैतिक गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाई गई, तो इससे भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को गंभीर क्षति हो सकती है।