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और बाकी है तरंगों में जवानी अब तक

And youth still remains in the waves
 
Piy
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। अखिल भारतीय काव्यधारा की लखनऊ इकाई द्वारा एक भव्य कवि सम्मेलन और पुस्तक विमोचन का आयोजन किया गया। यह आयोजन प्रेस क्लब, लखनऊ में हुआ, जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि आदरणीय जीतेन्द्र कमल आनंद जी ने की। इस कार्यक्रम ने साहित्य प्रेमियों और कवियों का दिल जीत लिया। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. कृपा शंकर श्रीवास्तव जी उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न हिस्सों से आए कवि और कवयित्रियों ने अपनी उत्कृष्ट काव्य रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वास 'लखनवी' की दिल छूने वाली कविता से हुई, जिसमें उन्होंने मोहब्बत और यादों के रंगीन एहसासों को साझा किया:
'दिल में मेहफ़ूज़ है उल्फ़त की निशानी अब तक  
और बाकी है तरंगों में जवानी अब तक।'इसके बाद, राजवीर सिंह राज़ ने अपनी कविता से माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया:'नीर भरकर जब घुमड़ती हैं गगन में बदलियाँ, खेलती हैं बादलों में रक़्स करती बिजलियाँ।'स्वरिका कीर्ति ने भी अपनी कविताओं से उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया:'तुम खूबसूरत हो पर तुम और भी ज्यादा खूबसूरत हो।'
कवि युगल रश्मि लहर और संजय सागर ने भी अपनी काव्य रचनाओं से महफ़िल में चार चांद लगाए। रश्मि लहर ने दोस्ती और सादगी पर आधारित अपनी कविता प्रस्तुत की, जबकि संजय सागर ने प्रेम और आत्मा के श्रृंगार के बारे में कुछ खूबसूरत पंक्तियाँ साझा की।  
कार्यक्रम में दो पुस्तकों - 'स्वर गवाक्षों से अकल्पित' और 'आनंद सजल माला' का विमोचन किया गया। इस अवसर पर डॉ. अशोक गुलशन, पुष्पा श्रीवास्तव 'शैली', ममता परिहार, और स्वरिका कीर्ति ने अपने विचार व्यक्त किए। इस कवि सम्मेलन में सभी साहित्यकारों और पत्रकारों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का संचालन रश्मि 'लहर' ने किया, जिन्होंने पूरे आयोजन को सफलता की ओर अग्रसर किया। यह आयोजन साहित्य प्रेमियों के लिए एक यादगार पल बनकर रह गया।

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