आरआरबी कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा

मनोज कक्कड़ ने बताया कि लगातार संवादहीनता और समस्याओं के समाधान में विलंब के चलते, अखिल भारतीय ग्रामीण बैंक अधिकारी संगठन (AIGBOO) एवं अखिल भारतीय ग्रामीण बैंक वर्कर्स संगठन (AIGBWO) — जो भारतीय मजदूर संघ (BMS) से संबद्ध हैं — ने चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति अपनाई है। इसका उद्देश्य RRB कर्मचारियों की ज्वलंत मांगों को सार्वजनिक रूप से सामने लाना और समाधान की दिशा में दबाव बनाना है।
प्रमुख मांगें
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आरआरबी के प्रस्तावित आईपीओ को रद्द किया जाए, जिससे इनकी सार्वजनिक एवं ग्रामीण प्रकृति सुरक्षित रह सके।
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स्थानांतरण नीति में व्याप्त असमानताओं को समाप्त किया जाए।
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सेवा शर्तों में पूर्ण समानता लागू हो — जैसे अवकाश नीति, स्टाफ ऋण, आवास भत्ता, आदि।
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12वां द्विपक्षीय और 9वां संयुक्त नोट बिना विचलन के लागू किया जाए।
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पर्याप्त भर्ती सुनिश्चित हो और पदोन्नति की नीति वाणिज्यिक बैंकों के अनुरूप हो।
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दीर्घकाल से सेवा दे रहे अस्थायी कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए।
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कर्मचारियों को दिए जाने वाले सभी लाभों का खर्च बैंक प्रबंधन द्वारा वहन किया जाए।
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RRB ट्रेड यूनियनों को IBA की वार्ताओं में सम्मिलित किया जाए, और उनके पदाधिकारियों को विशेष अवकाश मिले।
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पांच दिवसीय बैंकिंग कार्यदिवस और पुरानी पेंशन योजना की मांग तत्काल पूरी की जाए।
आंदोलन की रूपरेखा
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1 व 2 जुलाई 2025 – कर्मचारियों द्वारा काली पट्टी पहनकर विरोध प्रदर्शन
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9 जुलाई 2025 – दोपहर/शाम को प्रदर्शन और मांग पत्र सौंपना
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25 जुलाई 2025 – आरआरबी मुख्यालयों के समक्ष धरना प्रदर्शन
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22 अगस्त 2025 – एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल
आंदोलन का उद्देश्य
मनोज कक्कड़ ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित नहीं है, बल्कि यह न्याय, समानता और गरिमा की स्थापना के लिए कर्मचारियों की नैतिक और व्यावसायिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने भारत सरकार, वित्त मंत्रालय और नाबार्ड से तत्काल हस्तक्षेप और सार्थक संवाद शुरू करने की अपील की। यदि समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो कर्मचारी संगठन अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत आंदोलन को और अधिक उग्र रूप देने के लिए बाध्य होंगे।