प्रेरणा स्कूल में वार्षिक विज्ञान प्रदर्शनी: सीखने, खोजने और बनाने का सफर

डॉ. उर्वशी साहनी ने कहा, "प्रेरणा में हम विज्ञान को सिर्फ़ पढ़ाने तक सीमित नहीं रखते, बल्कि इसे रोचक और सभी के लिए आसान बनाते हैं, ताकि हमारी लड़कियां विज्ञान का इस्तेमाल सोचने, बनाने और आगे बढ़ने के लिए कर सकें। भले ही STEM शिक्षा में काफ़ी सुधार हुआ है, लेकिन भारत में STEM क्षेत्र में सिर्फ़ 27% महिलाएं काम कर रही हैं, और वैज्ञानिकों में इनकी संख्या सिर्फ़ 19% है। महिलाओं को कई बार खुले और छुपे हुए भेदभाव का सामना करना पड़ता है, जो उनके लिए एक बड़ी रुकावट बनता है। हमें इस अंतर को ख़त्म करने की ज़रूरत है।"
प्रेरणा गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल, राखी पंजवानी, ने अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, "यह प्रदर्शनी हमारे छात्रों के लिए अपनी रचनात्मकता और समस्या सुलझाने की क्षमता दिखाने का बेहतरीन मंच है। हमें उम्मीद है कि इससे छात्रों में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा और रुचि बढ़ेगी।"
इस पहल के तहत, छात्रों ने एक पैथोलॉजी लैब का दौरा किया, जहां उन्होंने सीखा कि ब्लड टेस्ट कैसे होते हैं, ब्लड ग्रुप कैसे पहचाना जाता है, और ब्लड शुगर व ब्लड प्रेशर कैसे मापा जाता है। इस अनुभव ने उन्हें विज्ञान को असली ज़िंदगी से जोड़ने में मदद की। प्रदर्शनी में फेफड़ों की क्षमता मापने वाला उपकरण, सोलर-पावर डोरबेल और ऑटोमैटिक रोबोटिक कार जैसे कई इनोवेटिव मॉडल पेश किए गए। इसके अलावा, ब्लड प्रेशर मॉनिटर, पानी से ऊर्जा बनाने के मॉडल और ब्लड व शुगर टेस्ट के उपकरण भी लोगों को काफ़ी पसंद आए, जो दिखाते हैं कि ये इनोवेशन हमारे रोज़मर्रा के जीवन में कितने काम आ सकते हैं।
छात्रों की रचनात्मकता और समस्या सुलझाने की क्षमता को देखते हुए, यह इवेंट सभी के लिए प्रेरणादायक रहा।