अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल ने रोबोटिक सर्जरी से महिलाओं को दी नई उम्मीद, दर्द और निराशा से मिली मुक्ति

Apollomedics Hospital offers women new hope through robotic surgery, freeing them from pain and despair
 
Apollomedics Hospital offers women new hope through robotic surgery, freeing them from pain and despair
लखनऊ। अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की सीनियर गायनाकोलॉजिस्ट और रोबोटिक सर्जन डॉ. नेहा नेगी ने एंडोमेट्रियोसिस, एडेनोमायोसिस और फाइब्रॉइड से जूझ रही महिलाओं के लिए नई राह खोल दी है। हाल ही में उन्होंने दो जटिल मामलों में रोबोटिक तकनीक का उपयोग कर सफल सर्जरी की, जिससे मरीजों को वर्षों पुराने दर्द से राहत मिली और मातृत्व की संभावना भी सुरक्षित रही।

पहला केस: वर्षों से दर्द में जी रही महिला को मिला नया जीवन

करीब 10 साल से एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित एक महिला की स्थिति इतनी गंभीर थी कि उनका गर्भाशय पहले ही निकाला जा चुका था, लेकिन फिर भी वे असहनीय दर्द झेल रही थीं। कई अस्पतालों ने उनका केस असंभव बताते हुए सर्जरी से इनकार कर दिया।
उनकी आंत, मूत्रनलिका और अंडाशय आपस में चिपक गए थे। पारंपरिक सर्जरी में आंत या ब्लैडर को नुकसान का खतरा था। लंबे समय तक दवाओं और इंजेक्शनों पर रहने से वे डिप्रेशन तक का शिकार हो चुकी थीं।

डॉ. नेहा ने रोबोटिक सर्जरी से बेहद बारीकी के साथ जमे हुए टिशूज़ हटाए और महत्वपूर्ण अंगों को सुरक्षित रखा। नतीजा यह रहा कि मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनका सीए-125 लेवल भी सामान्य हो गया है।

दूसरा केस: अविवाहित महिला का गर्भाशय सुरक्षित

दूसरी मरीज एक युवा अविवाहित महिला थीं, जिन्हें एंडोमेट्रियोसिस, एडेनोमायोसिस और कई फाइब्रॉइड्स हो गए थे। उनका गर्भाशय इतना बड़ा हो गया था कि नाभि तक पहुँच गया। अधिकांश डॉक्टरों ने गर्भाशय हटाने की सलाह दी थी।

लेकिन डॉ. नेगी ने उनकी रोबोटिक मायोमेक्टोमी की, जिसमें सभी फाइब्रॉइड्स हटाए गए और गर्भाशय सुरक्षित रखा गया। रोबोटिक तकनीक ने सामान्य और असामान्य ऊतकों को अलग पहचानने में मदद की, जिससे रक्तस्राव भी बहुत कम हुआ और सर्जरी बेहद सफल रही।

रोबोटिक सर्जरी क्यों है वरदान?

डॉ. नेहा नेगी के अनुसार –

  • यह तकनीक 10 गुना ज़्यादा मैग्नीफिकेशन देती है।

  • मिलीमीटर स्तर तक सटीकता से काम करना संभव बनाती है।

  • पेल्विस जैसे जटिल हिस्सों में भी अंगों को सुरक्षित रखते हुए ऑपरेशन संभव होता है।

  • मरीजों को जल्दी और लंबे समय तक राहत मिलती है।

अस्पताल की प्रतिबद्धता

अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के एमडी एवं सीईओ डॉ. मयंक सोमानी ने कहा –
“यह उपलब्धि आधुनिक तकनीक और हमारी विशेषज्ञ टीम की मेहनत का परिणाम है। हमारा लक्ष्य है कि मरीजों को विश्वस्तरीय इलाज उपलब्ध कराते हुए उन्हें दर्द-मुक्त और स्वस्थ जीवन दिया जाए।”

महिलाओं के लिए बड़ी राहत

ये सफल सर्जरी न केवल महिलाओं को लंबे समय से चले आ रहे दर्द से राहत देती हैं, बल्कि उनकी मातृत्व क्षमता को भी बचाती हैं। साथ ही यह सिद्ध करती हैं कि एंडोमेट्रियोसिस और फाइब्रॉइड जैसी बीमारियाँ रोबोटिक तकनीक से पूरी तरह नियंत्रित की जा सकती हैं।

अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल ने स्त्री रोगों के जटिल मामलों के उपचार में एक नया मानक स्थापित कर दिया है, जो भविष्य में अनगिनत महिलाओं के लिए आशा की किरण साबित होगा।

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