बांह या टांग में गांठ: कब हो सतर्क होने की ज़रूरत?

कौन-सी गांठें सामान्य नहीं होतीं?
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत में मस्कुलोस्केलेटल ऑन्कोलॉजी के वरिष्ठ निदेशक डॉ. अक्षय तिवारी बताते हैं कि यदि किसी गांठ में समय के साथ आकार, बनावट या रंग में बदलाव हो रहा हो, या गांठ तेजी से बढ़ रही हो, दर्दनाक हो, या छूने पर गर्म महसूस हो — तो यह चिंताजनक हो सकता है। इसके अलावा, अगर व्यक्ति को गांठ के साथ-साथ बुखार, थकावट या वजन में गिरावट जैसे लक्षण महसूस हो रहे हों, तो यह स्थिति गंभीर रोग की ओर इशारा कर सकती है।
विशेष ध्यान देने वाली बातें:
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गांठ का आकार 5 सेंटीमीटर से अधिक हो
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गांठ मांसपेशियों की गहराई में स्थित हो
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गांठ में सूजन, लाली, या त्वचा में बदलाव दिखे
इन स्थितियों में ऑर्थोपेडिक ऑन्कोलॉजिस्ट से परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
सारकोमा क्या है?
सारकोमा एक दुर्लभ लेकिन घातक प्रकार का कैंसर होता है, जो हड्डियों या मांसपेशियों में उत्पन्न होता है। दुर्भाग्यवश, इस बीमारी की पहचान अक्सर देर से होती है या गलत निदान हो जाता है। इसलिए, अगर आपको कोई नई या असामान्य गांठ दिखाई दे, तो इसे नजरअंदाज न करें।
जांच और इलाज में देरी न करें
गांठ की जांच में डॉक्टर आमतौर पर रोगी के मेडिकल इतिहास, शारीरिक परीक्षण, और ज़रूरत पड़ने पर इमेजिंग (MRI/CT) या बायोप्सी जैसी जांच कराते हैं। यदि बीमारी का समय पर पता चल जाए, तो इलाज के साथ-साथ प्रभावित अंग को बचाया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता बनी रह सकती है।
समय पर सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा
डॉ. तिवारी जोर देते हैं कि:
“स्वास्थ्य को लेकर सजग रहना ही सबसे अच्छा बचाव है। यदि किसी गांठ को लेकर कोई संदेह हो, तो विलंब न करें। विशेषज्ञ से मिलें और आवश्यक जांच कराएं। यही सबसे समझदारी भरा कदम है।”
लखनऊ डेस्क (आर. एल. पाण्डेय)। यदि आपकी बांह या टांग में कोई गांठ या उभार महसूस हो रहा है, तो यह कई बार सामान्य हो सकता है — लेकिन कुछ मामलों में यह किसी गंभीर चिकित्सा स्थिति, जैसे सारकोमा (हड्डी या मांसपेशियों का कैंसर), का संकेत भी हो सकता है। इसलिए, ऐसी किसी भी गांठ को हल्के में लेना समझदारी नहीं होगी।