आवधेश प्रसाद का बड़ा सवाल: “बांटोगे तो काटोगे… यह क्या है?” | लोकसभा में वंदे मातरम् बहस के दौरान तीखा बयान

 
Awadhesh Prasad Questions Yogi’s ‘Bantoge Toh Katoge’ Remark | Vande Mataram Debate in Lok Sabha

आवधेश प्रसाद का बड़ा सवाल: “बांटोगे तो काटोगे… यह क्या है?” | लोकसभा में वंदे मातरम् बहस के दौरान तीखा बयान

लोकसभा में वंदे मातरम् को लेकर हुई बहस के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद आवधेश प्रसाद का बयान चर्चा में है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विवादित बयान “बांटोगे तो काटोगे” पर कड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि देश विचारों से बनता है, न कि समाज को बांटने वाली राजनीति से।

आवधेश प्रसाद का कहना था कि जब विचार खत्म हो जाते हैं—जब अविचार हावी हो जाते हैं—तो देश कमजोर पड़ने लगता है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् जैसे राष्ट्रगान देश को जोड़ते हैं, लेकिन राजनीतिक नारे जो समाज में विभाजन बढ़ाते हैं, वे देश की एकता को नुकसान पहुंचाते हैं।

वंदे मातरम् पर बहस: मोदी, राजनाथ, अखिलेश और अन्य नेताओं के बीच चर्चा

फैजाबाद से सांसद आवधेश प्रसाद ने बताया कि लोकसभा में इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, SP प्रमुख अखिलेश यादव और INDIA गठबंधन के अन्य नेताओं ने अपने विचार रखे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने भी अपने विचार स्पष्ट और मजबूती से सदन में रखे—और उनका फोकस था:

  • राष्ट्रीय एकता

  • भाईचारा

  • और संविधानिक मूल्यों को मजबूत करना

इसी दौरान उन्होंने योगी आदित्यनाथ के बयान पर सवाल उठाया—

“बांटोगे तो काटोगे… यह क्या है?”

“देश विचारों से बनता है, अविचारों से टूटता है”

अपने संबोधन में आवधेश प्रसाद ने कहा कि देश का असली आधार ‘विचार’ होते हैं।
उन्होंने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा—

  • गांधीजी का एक विचार लाखों लोगों को प्रेरित कर गया

  • देश की आज़ादी की लड़ाई ‘एक सोच’ से मजबूत हुई

  • राष्ट्र को जोड़ने की शक्ति विचारों में है, न कि नफरत फैलाने वाले नारों में

उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के बयान समाज को बांटते हैं, जिससे भारत की सबसे बड़ी ताकत — विविधता में एकता — कमजोर होती है।

राम मंदिर कार्यक्रम से बाहर रखने पर भी जताई नाराजगी

लोकसभा के संबोधन के दौरान आवधेश प्रसाद ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उन्हें और कई अन्य नेताओं को निमंत्रण न देने पर भी नाराजगी जताई।

उन्होंने कहा—

  • राम मंदिर पूरे देश का है

  • लेकिन सरकार ने इसे राजनीतिक आयोजन में बदल दिया

  • और चुनिंदा लोगों को ही आमंत्रित किया

आवधेश प्रसाद ने इस निर्णय को भेदभावपूर्ण और एकता-विरोधी बताया।

“वंदे मातरम् जोड़ता है… सरकार बांटने की राजनीति करती है”

सांसद आवधेश प्रसाद ने कहा कि वंदे मातरम् कोई सामान्य नारा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भावना है जो:

  • एकता

  • अखंडता

  • और भाईचारे

का प्रतीक है।

लेकिन उनका आरोप है कि सरकार—चाहे केंद्र की हो या यूपी की—समाज में अनावश्यक विवाद पैदा करने वाली राजनीति कर रही है।

SP सांसद का दावा: ‘अयोध्या की जीत ने जवाब दे दिया है’

आवधेश प्रसाद ने कहा कि अयोध्या की जीत इस बात का प्रमाण है कि—

  • जनता ने धर्म-आधारित राजनीति को खारिज किया

  • और विकास, समानता और विचारों को प्राथमिकता दी

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका बेहद अहम है, और SP का संघर्ष देश को विभाजनकारी राजनीति से बचाने के लिए है।

एकता, विचार और लोकतंत्र—आवधेश प्रसाद का संदेश

अपने भाषण के अंत में आवधेश प्रसाद ने कहा—

“देश विचारों से बनता है, अविचारों से टूटता है।”

उनका कहना था कि अगर देश को मजबूत बनाना है, तो सरकार को चाहिए कि:

  • एकता को बढ़ावा दे

  • भाईचारे की राजनीति करे

  • और विभाजनकारी बयानों से दूर रहे

उन्होंने साफ कहा कि देश की ताकत वंदे मातरम् के सकारात्मक संदेश में है—न कि ऐसे बयानों में जो समाज को बांटने का काम करें।

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